दून में पटाखे से झुलसे 200 लोग, दो को गंभीर स्थिति में किया गया भर्ती
दून में दिवाली की रात 200 लोग पटाखे फोड़ते वक्त झुलसकर अस्पताल पहुंचे। दून अस्पताल की इमरजेंसी में ईएमओ डॉ. अमित और कोरोनेशन की इमरजेंसी में डॉ. दीपिका खट्टर ने मरीजों को देखा और ज्यादातर को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
कोरोनेशन की बर्न यूनिट के प्रभारी डॉ. कुश एरन ने बताया कि दिवाली में पटाखों से झुलसे 51 मरीज पहुंचे। 33 मरीज रात को यहां लाए गए। 18 लोगों ने ओपीडी में दिखाया। इसके अलावा दो को गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया। 80 से 90 फीसदी लोग ऐसे थे, जो हाथ में अनार फटने की वजह से अस्पताल पहुंचे थे।
आंखों में घुसा बारूदी कई मरीजों की आंख में पटाखों का बारूद घुस गया। जलन से उनकी आंखों में बेचैनी हुई। दून अस्पताल एवं गांधी अस्पताल की ओपीडी में ऐसे 25 से ज्यादा मरीज पहुंचे।
दीपावली का त्योहारी सीजन हादसों को लेकर भी लोगों पर भारी पड़ा। प्रदेशभर में 144 सड़क हादसे हुए। वहीं विभिन्न मामलों में 1292 लोग उपचार लेने अस्पताल पहुंचे। प्रदेश में सात गर्भवतियों का प्रसव एंबुलेंस में कराना पड़ा।
108 आपातकालीन सेवा के जीएम प्राजेक्ट्स अनिल शर्मा ने मंगलवार को मुख्यालय में दीपावली एवं धनतेरस के दौरान लोग को प्रदान की गई सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस जाम में न फंसे इसके लिए तकनीकी मदद केंद्रीय काल सेंटर से दी गई। 22-24 अक्टूबर के बीच हृदय रोग के 49, प्रसव संबंधी 399, सड़क दुर्घटना के 144,जलने से संबंधित 18 और 682 अन्य को सहायता प्रदान की गई। देहरादून में सबसे ज्यादा 333, हरिद्वार में 200 व ऊधमसिंहनगर में 192 मामलों में सहायता प्रदान की गई।
दून अस्पताल एवं कोरोनेशन की इमरजेंसी में रात को सड़क हादसे के अलावा छिटपुट मारपीट में घायल लोगों को लाया गया। गलत खानपान के बाद पेट की समस्या से जूझते लोग भी इमरजेंसी में इलाज कराने पहुंचे। दून और कोरोनेशन अस्पताल में ऐसे करीब 20 लोग पहुंचे।
दून में 45 और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में करीब 25, प्रेमनगर में 12, रायपुर में 15 समेत अन्य निजी अस्पतालों में करीब 52 झुलसे लोगों ने इमरजेंसी और ओपीडी में उपचार कराया। ओपीडी भी आंखों, स्किन की समस्या लेकर भी लोग पहुंचे।