लालकिले पर पहली बार होगा ये, 21 तोपों से दी जाएगी…

देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस बार पहली बार लालकिले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान औपचारिक 21 तोपों की सलामी के लिए सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्वदेशी होवित्जर तोप, एडवांस्ड टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) प्रोटोटाइप का उपयोग किया जाएगा। यह प्रदर्शन देश की बढ़ती क्षमता का प्रतीक माना जा रहा है।

इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विशेष निमंत्रण भेजे गए हैं। लालकिले पर होने वाले मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के सभी जिलों के एनसीसी कैडेटों को आमंत्रित किया गया है। इन कैडेटों को भारत के मानचित्र के भौगोलिक फॉरमेशन में लाल किले की प्राचीर के सामने ‘ज्ञान पथ’ पर बैठाया जाएगा।

वे भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक स्थानीय परिधानों में सुसज्जित होकर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को प्रसारित करेंगे। समाज के उस वर्ग को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिसे आमतौर पर अनदेखा किया जाता है। इनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रेहड़ी-पटरी वाले, मुद्रा योजना ऋणग्राही व्यक्ति, शवगृह कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। उन्हें लालकिले पर मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विशेष निमंत्रण भेजे गए हैं। लालकिले पर होने वाले मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के सभी जिलों के एनसीसी कैडेटों को आमंत्रित किया गया है। इन कैडेटों को भारत के मानचित्र के भौगोलिक फॉरमेशन में लाल किले की प्राचीर के सामने ‘ज्ञान पथ’ पर बैठाया जाएगा।

वे भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक स्थानीय परिधानों में सुसज्जित होकर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को प्रसारित करेंगे। समाज के उस वर्ग को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिसे आमतौर पर अनदेखा किया जाता है। इनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रेहड़ी-पटरी वाले, मुद्रा योजना ऋणग्राही व्यक्ति, शवगृह कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। उन्हें लालकिले पर मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

आजादी के अमृत महोत्सव को प्रदर्शित करने के लिए इस बार कई नई पहल की गई है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार परंपरागत रूप से इस्तेमाल की जा रही ब्रिटिश तोप के साथ डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित पूरी तरह से स्वदेशी एटीएजीएस से औपचारिक 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।  बताया कि तोप का उपयोग करने की पहल स्वदेशी रूप से तोपों को विकसित करने की भारत की बढ़ती क्षमता का प्रतीक बनाने के उद्देश्य से की गई है।

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