कंधे और गर्दन के दर्द को ठीक करने के लिए ये काम

नींद न सिर्फ आपकी हेल्थ के लिए जरूरी है बल्कि यह आपकी स्किन केयर और एंटी एजिंग के लिए भी जरूरी है। ऐसे में सुकून भरी नींद का बहुत महत्व होता है। हालांकि, कभी-कभी नींद से उठने के बाद गर्दन और कंधों में दर्द की शिकायत होती है।

आपके साथ भी अगर ऐसा होता है, तो आपको अपने सोने के तरीके पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही सुबह होने वाले गर्दन और कंधे के दर्द के इलाज के लिए योग का सहारा लेना चाहिए। योग किसी भी प्रकार के स्ट्रेस को रोकता है लेकिन शरीर को तीव्र शारीरिक गतिविधि प्रदान करता है, जो सक्रिय रहने और चलते रहने में मदद करता है।

कैट एंड काओ पोज 
इस योग मुद्रा को बनाने के लिए कलाइयां कंधों के नीचे हों और घुटने कूल्हों के नीचे हों। चारों पर समान रूप से संतुलन बनाए रखें। ऊपर देखते समय श्वास अंदर लें और पेट को नीचे फर्श की ओर आने दें। सांस छोड़ते हुए ठुड्डी को छाती से लगाए और नाभि को रीढ़ की ओर खींचे। इस आसन को रिपीट करें। मुद्रा गर्दन और कंधों को मजबूत और फैलाती है।

चाइल्ड पोज 
इस योग मुद्रा के लिए एड़ियों के बल बैठें, आगे की ओर झुकें और माथा को चटाई पर नीचे करें। हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए बाजुओं को आगे की ओर तानें। अपने सीने को जांंघों के पास लाकर दबाएं।  कुछ सेकंड के लिए स्थिति को पकड़ें और छोड़ें। यह पीठ और रीढ़ को आराम देता है और साथ ही कंधों पर तनाव को कम करता है।

लेग्स अप द वॉल पोज
इस आसन को करना भी बेहद आसान है। इसे करने के लिए पीठ के बल दीवार के पास लेट जाएं। हिप्स दीवार को छूने चाहिए। पैरों को दीवार से सटाकर ऊपर उठाएं और बाजुओं को बगल में टिकाएं। गहरी सांस लें और एक या दो मिनट के लिए इस स्थिति में रहें। यह गर्दन और कंधों को आराम देता है और पीठ दर्द में मदद करता है.

सोने का सही तरीका
सिर को आराम देने के लिए सपाट तकिए का इस्तेमाल करें और पीठ के बल लेटते समय गर्दन  को सहारा देने के लिए नेक रोल का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है। हार्ड या ऊंचे तकिए से बचना हमेशा बेहतर होता है क्योंकि यह नींद के दौरान गर्दन को फ्लेक्स रख सकता है जिसके कारण उठने के बाद अकड़न और दर्द होता है।

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