भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में आज जस्टिस एनवी रमना का आखिरी दिन, कई बड़े केस में सुनाएंगे फैसला

भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में आज जस्टिस एनवी रमना का आखिरी दिन है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए वह आज कई बड़े केस में फैसला सुनाने जा रहे हैं। गुरुवार देर रात सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अदालत की वाद सूची (Cause List) को अपडेट किया गाय। रात करीब साढ़े 11 बजे जारी की गई इस सूची में ऐसे पांच केस शामिल हैं, जिसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया द्वारा फैसले सुनाए जाने हैं।

इस मामले पर आम आदमी पार्टी, वाईएसआरसीपी, कांग्रेस और डीएमके सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने सुझाव और राय प्रस्तुत किए हैं। अदालत ने शुरू में सरकारी प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, आरबीआई, नीति आयोग, वित्त आयोग और इससे जुड़े अन्य लोगों को लेकर एक समिति बनाने का सुझाव दिया था। बुधवार को हालांकि सीजेआई रमना ने यह कहा कि ऐसी समिति की अध्यक्षता कौन करेगा। चीफ जस्टिस ने यह भी सवाल किया था कि सरकार ने संसद में इस मुद्दे पर विचार करने के लिए सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाई है।

गोरखपुर में हिंसा की कई घटनाओं को भड़काने के लिए कथित उग्र भाषण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से उत्तर प्रदेश की सरकार के इनकार कर दिया था। सरकार के इस फैसले को पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। वहां केस खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कुया गया। इस मामले पर भी आज देश देश की सर्वोच्च अदालत फैसला सुनाने के लिए तैयार है।

सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में किए गए मुफ्त वाले वादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। दिल्ली बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका ने देश में “रेवाड़ी कल्चर” पर एक बड़ी बहस शुरू कर दी है।
बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा था कि अदालत को राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान इस तरह की घोषणा को लेकर विचार करना होगा। इस दौरान कोर्ट ने कल्याणकारी योजनाएं और मुफ्त के वादे के बीच का अंतर भी बताया था। आज इस केस में फैसले आने की उम्मीद है।

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