अब कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहे मनीष तिवारी , पढ़े पूरी खबर

कांग्रेस में महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जी-23 के नेता रहे गुलाम नबी आजाद पार्टी से ही अलग हो गए हैं तो वहीं कांग्रेस में अब भी बने हुए मनीष तिवारी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मनीष तिवारी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव अथॉरिटी के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री से उन लोगों की लिस्ट जारी करने की मांग की है, जो अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे।

तिवारी ने एक बाद एक ट्वीट करते हुए सवाल पूछा, ‘मधुसूदन मिस्त्री जी मैं बहुत आदर के साथ पूछता हूं कि यदि मतदान करने वाले लोगों की सूची ही नहीं होगी तो फिर कैसे किसी दबाव से मुक्त और सही ढंग से चुनाव होंगे।’ मनीष तिवारी ने कहा कि मतदाताओं की सूची पार्टी वेबसाइट पर होनी चाहिए।

लोकसभा सदस्य तिवारी ने कहा कि ऐसा तो क्लब के चुनाव में भी नहीं होता। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मधुसूदन मिस्त्री जी से पूरे सम्मान से पूछना चाहता हूं कि निर्वाचन सूची के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हुए बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है?

निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव का आधार यही है कि प्रतिनिधियों के नाम और पते कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से प्रकाशित होने चाहिए।’ कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह में शामिल रहे तिवारी ने कहा, ‘यह 28 प्रदेश कांग्रेस कमेटी और आठ क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का चुनाव नहीं है। कोई क्यों पीसीसी के कार्यालय जाकर पता करे कि प्रतिनिधि कौन हैं? सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि ऐसा क्लब के चुनाव में भी नहीं होता।’

गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी छोड़ते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को धोखा करार दिया था। इस पर सफाई देते हुए मधुसूदन मिस्त्री ने कहा था कि ऐसा कहना गलत है। इसके अलावा आनंद शर्मा ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि प्रदेश स्तर पर चुनाव में वोट डालने वाले लोगों की लिस्ट ही नहीं है।

इस पर मिस्त्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस समितियों को मतदाताओं की सूची मुहैया कराई गई है। कुल 9,000 वोटर इसमें हिस्सा लेने वाले हैं। उनकी इस टिप्पणी पर अब मनीष तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव में हिस्सा लेने वालों की लिस्ट देखने के लिए कैसे कोई हर प्रदेश के कार्यालय पर जा सकेगा।

 

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