INS विक्रांत नौसेना में शामिल, पीएम मोदी बोले कुछ ऐसा…

INS विक्रांत नौसेना में शामिल हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर को भारतीय नौसेना में शामिल कर दिया। उन्होंने इसे ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में भारत के प्रयासों के लिए ऐतिहासिक दिन’ बताया है।

कोचिन शिपयार्ड में होने जा रहे भव्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम सांसद हीबी एडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं।

पीएम ने कहा, ‘विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’ उन्होंने कहा, ‘यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।’

पीएम मोदी ने स्वदेशी निर्माण करने वाले अन्य देशों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज भारत ने ‘गुलामी’ के एक बोझ को हटा दिया है। पीएम ने कहा, ‘आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।’

शुक्रवार को पीएम मोदी ने समारोह में भारतीय नौसेना में महिलाओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी।

समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबन्दियां थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।’

शुक्रवार को INS विक्रांत को नौसेना में शामिल कर लिया गया। समारोह में पहुंचे पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह हर भारतीय का मान स्वाभिमान बढ़ाने वाला अवसर है। पीएम ने कहा, ‘आज केरल के समुद्री तट पर हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।’

 

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