पूर्व सीएम हरीश रावत का बड़ा बयान , कहा भर्ती घोटालों पर…

पूर्व सीएम हरीश रावत दो महीने तक विधानसभा, यूकेएसएसएससी आयोग आदि नियुक्तियों में सोशल मीडिया पर शांत रहेंगे। रावत ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि अब वो महिला आरक्षण और राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक के जल्द पारित होने की दुआ करते हैं। रावत ने सरकार से अनुरेाध किया उनके मुख्यमंत्रित्व काल की सारी नियुक्तियों की स्क्रूटनी की जाए।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने आज फिर दोहराया कि विधानसभा में की गई जिन भी नियुक्तियों में नैतिक बल नहीं है, उन पर कार्रवाई के लिए नीति बननी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष और सीएम को मिलकर नीति बनानी चाहिए। इसमें नेता प्रतिपक्ष को भी शामिल किया जा सकता है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल की भर्तियों के प्रति नरम रुख के आरोपों को खारिज किया। बकौल रावत, मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा हूं। मैंने बहुत ही स्पष्ट तौर पर कहा है कि जिस नियुक्ति में नैतिक बल नहीं है, वह गलत है। जो नियुक्तियां हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अंदर आ चुकी हैं, उस पर इससे बड़ी और कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।

रावत ने कांग्रेस नेताओं को भी कहा कि वो उनके कार्यकाल में भी यदि गड़बड़ी पाते हैं निर्भीक तरीके से उसे भी उठाएं। सरकार से जांच की मांग करें। लोग कांग्रेस की निष्पक्षता को भी जाचेंगे और मैं चाहता हूं कि हरीश रावत भले ही दोषी सिद्ध हो जाए। मगर कांग्रेस दोषी नहीं है और यही निष्कर्ष जाना भी चाहिए।

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