इंडिया गेट पर दिखेगा बदला नजारा, होने जा रहा कुछ ऐसा…

पीएम नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के एक हिस्से का आज लोकार्पण हो जाएगा। खुद पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। सेंट्रल विस्टा के तहत 5 प्रोजेक्ट्स को तैयार किया जा रहा है, जिसमें से अभी एक तैयार हो गया है।

कुल 13,500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे सेंट्रल विस्टा के इस हिस्से को 19 महीने की पाबंदियों के बाद खोला जा रहा है। इसके जरिए इंडिया गेट और उसके आसपास के इलाके को एकदम नए अंदाज में तैयार किया गया है। यदि आप दो साल पहले दिल्ली में इंडिया गेट आए थे तो अब आपको काफी चीजें बदली हुई नजर आएंगी।

राजपथ और सी-हेक्सागन के आसपास लोगों को सड़क पार करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता था। अब इस समस्या का समाधान करने के लिए अंडरपास तैयार किए गए हैं। इंडिया गेट आने और जाने वाले लोगों को इससे बड़ी सुविधा मिलेगी और ट्रैफिक भी सही से चलेगा। अब तक इंडिया गेट पर पैदल यात्रियों के चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती थी। अब यह झंझट खत्म होगा। कुल 4 अंडरपास इसके लिए तैयार हुए हैं।

जनता की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए स्ट्रीटलाइट्स से इस इलाके को जगमग किया गया है। इससे रात को भी इंडिया गेट टहलने के लिए आने वाले लोगों को सुविधा होगी। कर्तव्यपथ पर 74 हेरिटेज लाइट पोल्स का सौंदर्यीकरण किया गया है। इसके अलावा 1,000 नई स्ट्रीटलाइट्स लगी हैं। यही नहीं सर्विलांस के लिए 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे लोगों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुनिश्चित होगी। हाउसिंग मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि इन कैमरों के जरिए संदिग्ध सामान पर नजर रखी जा सकेगी।

इंडिया गेट के आसपास लोग पेड़ों की छांव में बैठे रहते थे। अब नए प्रोजेक्ट में यह चुनौती थी कि कैसे हरियाली को बनाए रखा जाए। इसके अलावा आसपास पानी की निकासी की सुविधा भी बेहतर रहे।

एक अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत हरियाली में इजाफा किया गया है। यही नहीं पानी की निकासी की व्यवस्था बेहतर की गई है ताकि लोगों को आवाजाही में कोई परेशानी न हो। कुल 101 एकड़ लॉन में अलग-अलग तरह की घास लगाई गई है ताकि हरियाली दिखे।

लॉन के चारों तरफ 16.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर तैयार किया गया है, जिस पर लोग टहल सकेंगे। यह कर्तव्यपथ के इर्द-गिर्द होगा। इसे ग्रेनाइट पत्थर से तैयार किया गया है और लाखा स्टोन कलर का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा स्लोप और दिशा में बदलाव को बताने के लिए इंडिकेटर्स भी लगाए गए हैं ताकि दृष्टिबाधित लोगों को समस्या न हो सके।

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