आदिवासी बच्चों को सचिन तेंदुलकर का खास गिफ्ट, जनकर चौक जाएँगे आप

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में इंडिया लीजेंड्स टीम की कमान संभाल रहे हैं। तेंदुलकर भले ही 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके हों, लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग में अभी भी कोई कमी नहीं है।

रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के दौरान इंडिया लीजेंड्स के मैचों में मैदान पर फिर से सचिन… सचिन… सचिन… की गूंज सुनाई दे रही। तेंदुलकर को भी अपने फैन्स का पूरा ख्याल रहता है।

इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैच भले ही बारिश में धुल गया, लेकिन इस मैच में सचिन ने कुछ ऐसा किया, जिसने साबित कर दिया है कि क्यों उन्हें दुनिया का महानतम क्रिकेटर कहा जाता है।

तेंदुलकर ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के 55 आदिवासी बच्चों को सोमवार को इंदौर के होलकर स्टेडियम में इंडिया लीजेंड्स और न्यूजीलैंड लीजेंड्स के बीच रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज का टी-20 मैच देखने के लिए आमंत्रित किया।

बारिश की शुरुआत से पहले, मुकाबले में कुछ देर बल्लेबाजी कर सके इंडिया लीजेंड्स के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ होलकर स्टेडियम का चक्कर लगाते हुए करीब 20,000 दर्शकों को धन्यवाद दिया जो आखिरी पल तक मैच बहाल होने की उम्मीद लगाए बैठे थे।

प्रेस रिलीज में बताया गया कि इंडिया लीजेंड्स के कप्तान के रूप में मैच खेलने के लिए होलकर स्टेडियम के मैदान पर उतरने से पहले, तेंदुलकर ने इन बच्चों के साथ बातचीत की और उनसे जीवन में अपने कुछ सिद्धांतों के बारे में चर्चा की।

तेंदुलकर ने बच्चों से कहा, ‘जीवन चुनौतियों से भरा है, लेकिन जो व्यक्ति जीवन में सभी चुनौतियों का समाधान ढूंढता है, वही असली विजेता होता है। प्रेस रिलीज के मुताबिक एसटीएफ के माध्यम से तेंदुलकर मध्यप्रदेश के दूर-दराज के कुछ इलाकों में आदिवासी बच्चों की बेहतरी के लिए विनायक लोहानी के परिवार फाउंडेशन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

बारिश की शुरुआत से पहले, मुकाबले में कुछ देर बल्लेबाजी कर सके इंडिया लीजेंड्स के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ होलकर स्टेडियम का चक्कर लगाते हुए करीब 20,000 दर्शकों को धन्यवाद दिया जो आखिरी पल तक मैच बहाल होने की उम्मीद लगाए बैठे थे।

प्रेस रिलीज में बताया गया कि इंडिया लीजेंड्स के कप्तान के रूप में मैच खेलने के लिए होलकर स्टेडियम के मैदान पर उतरने से पहले, तेंदुलकर ने इन बच्चों के साथ बातचीत की और उनसे जीवन में अपने कुछ सिद्धांतों के बारे में चर्चा की।

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