तनाव से छुटकारा दिला सकता है ‘यूफोनिक योग’

आजकल के समय में ना जानें ऐसे कितने लोग हैं जो शहरी जीवनशैली के चलते तनाव और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे की नौकरी न केवल आपको दिमागी तौर पर उलझा रही है बल्कि आप अपने मन की शांति भी खोते जा रहे हैं।

ऐसे में जरूरी है खुद के लिए समय निकालना। इस तरह की परेशानी न केवल आपको मानसिक समस्याओं का शिकार बना सकती हैं बल्कि तनाव के कारण शरीर से जुड़ी अन्य समस्याएं भी पैदा होती जा रही हैं।

अब इसके फायदों की बात करें तो बता दें, नृत्य योग व्यायाम और संगीत यह शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन को उत्पन्न कर हमें खुशी महसूस कराते हैं। साथ ही तनाव को भी दूर करने में उपयोगी हैं। ‘यूफोनिक योग’ को विशेष रूप से तनाव को दूर करने के लिए ही डिजाइन किया गया है। जैसा कि हमने पहले भी बताया यूफोनिक योग में तीन पारंपरिक कलाओं को जोड़ा गया है। ऐसे में योग का प्रभाव लगभग 4 गुना बढ़ जाता है।

यदि योग के साथ नृत्य किया जाए तो इससे न केवल मांसपेशियों में लचीलापन आता है बल्कि उन्हें ताकत भी मिलती है। इससे अलग शरीर अधिक ऊर्जावान होता है और शरीर को कई समस्याओं से दूर भी रखा जा सकता है। जो लोग  ‘यूफोनिक योग’ को करते हैं वे न केवल मोटापे की समस्या से बच सकते हैं बल्कि तनाव, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से भी राहत पा सकते हैं। यूफोनिक योग याददाश्त बढ़ाने के साथ-साथ दिल को भी स्वस्थ बनाता है। यह हमारे जीवन शैली में बदलाव कर हमारे मन को शांति भी पहुंचाता है।

हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं। शायद ही लोगों को पता होगा कि यह सात चक्र सात स्वर से जुड़े होते हैं। जी हां, सा, रे, गा, मा, पा, धा, नि… इन सात चक्रों से जुड़े सात स्वर एक साथ मिलकर योग का नया रूप यूफोनिक योग बनाते हैं। यूफोनिक योग शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, और योग का एक अनोखा संगम माना जाता है। हालांकि शास्त्रीय नृत्य और संगीत को मनोरंजन के साथ-साथ भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम मानते हैं।

लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि नृत्य और संगीत सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में उपयोगी है। जब योग के साथ नृत्य और संगीत मिल जाता है तो इसका प्रभाव और बढ़ जाता है। नृत्य के दौरान हम फुट वर्क ज्यादा करते हैं, जिससे पैरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ शरीर के सात चक्रों के साथ कई रागों का प्रयोग होता है, जिससे शरीर के चक्र जागृत होते हैं और शांति पहुंचाते हैं।

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