अमित शाह के ऑफिस के बाहर तीन घंटे बैठे रहे ये नेता , जानकर उड़े लोगो के होश

कभी महाराष्ट्र भाजपा के सीनियर नेता रहे और अब एनसीपी में शामिल एकनाथ खडसे घर वापसी की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने इसके लिए दिल्ली आकर तीन घंटे तक अमित शाह से मुलाकात के लिए इंतजार किया, लेकिन वक्त ही नहीं मिल सका। इसके चलते वह भाजपा में अब तक नहीं आ सके हैं और निराश हैं।

भाजपा नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ खडसे एनसीपी में खुश नहीं हैं और वह अमित शाह एवं देवेंद्र फडणवीस को लगातार वापसी के इशारे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एकनाख खडसे अपनी बहू रक्षा खडसे के साथ दिल्ली गए थे और अमित शाह से मिलने की कोशिश की थी।

गिरीश महाजन ने कहा, ‘हाल ही में हम एक कार्यक्रम में मंच पर मिले थे। तब उन्होंने कहा था कि हमें अपने मतभेदों को दूर करना चाहिए और मैं भाजपा में वापस आना चाहता हूं। मैंने तब कहा कि हम कैबिनेट विस्तार के बाद इस बारे में बात करेंगे।’ भाजपा नेता ने कहा कि एकनाथ खडसे 40 सालों तक पार्टी में थे। उन्होंने कई पदों पर काम किया।

इसके बाद भी वह संतुष्ट नहीं हुए और पार्टी छोड़कर एनसीपी में चले गए। अब वह वहां भी नाखुश हैं। आखिर एकनाथ खडसे जहां भी जाते हैं, वहां परेशान क्यों रहते हैं। खुद एकनाथ खडसे ने भी स्वीकार किया है कि उन्होंने अमित शाह से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हुए। हालांकि तीन घंटे इंतजार की बात को गलत बताया।

एकनाथ खडसे ने कहा, ‘यह बात गलत है कि मैंने और मेरी बहू ने अमित शाह से मिलने के लिए तीन घंटे इंतजार किया। यह बात सही है कि हम अमित शाह से मुलाकात के लिए गए थे, लेकिन मिल नहीं पाए। हमने उनसे फोन पर बात की है। रक्षा से बातचीत के बाद महाजन उसे बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं।

रक्षा ने कभी महाजन को नहीं बताया कि हमने अमित शाह से मुलाकात के लिए तीन घंटे का इंतजार किया था।’ एकनाथ खडसे ने यह तो नहीं बताया कि वह अमित शाह से क्यों मिलना चाहते थे, लेकिन इतना जरूर कहा कि शरद पवार को भी इस बात की जानकारी है। एकनाथ खडसे ने देवेंद्र फडणवीस पर खुद को किनारे लगाने का आरोप लगाते हुए भाजपा छोड़कर एनसीपी का दामन 2020 में थाम लिया था।

महाजन ने कहा, ‘हमें पता चला है कि एकनाथ खडसे अपनी बहू के साथ अमित शाह से मिलने दिल्ली गए थे। हालांकि अमित शाह के ऑफिस के बाहर तीन घंटे तक बैठने के बाद भी मुलाकात का मौका नहीं मिल पाया।

यह बात मुझे किसी और ने नहीं बल्कि रक्षा खडसे ने ही बताई है।’ मंत्री ने कहा कि यदि तीन घंटे तक इंतजार कराने के बाद भी अमित शाह ने एकनाथ खडसे से मुलाकात नहीं की तो यह इस बात का संकेत है कि भाजपा उन्हें वापस नहीं लेना चाहती। उन्होंने कहा कि खडसे कई महीनों से उन्हें और देवेंद्र फडणवीस को भाजपा में वापसी के संकेत देते रहे हैं।

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