पैगंबर विवाद पर मोहन भागवत ने कही ये बात , जानकर लोग हुए हैरान

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी पर दिए अपने भाषण में हाल ही में पैगंबर मोहम्मद पर बयानों के चलते छिड़े विवाद पर भी बात की है। उन्होंने इस दौरान किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों में ही बयानबाजी करने वाले लोगों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि किसी की श्रद्धा को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। इसका ध्यान रखना होगा।

उन्होंने कहा कि समाज को तोड़ने के प्रयास चल रहे हैं। उदयपुर, अमरावती समेत कई जगहों पर क्रूर घटनाएं हुई हैं। पूरे समाज में इससे अशांति फैलने का खतरा रहता है। मुस्लिमों के भी प्रमुख लोगों ने इसका विरोध किया। उनकी इस टिप्पणी को उन लोगों के लिए संदेश माना जा रहा है, जिनके बयानों पर विवाद रहे हैं।

आरएसएस के मुखिया ने साफ तौर पर कहा कि किसी की श्रद्धा को ठेस न पहुंचाएं, इसका ध्यान रखना होगा। हम दिखते अलग हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अलग होने का विचार गलत है।

इसका परिणाम हमने देखा है और इसके चलते हमने धरती खोई और परिवार उजड़े। हमको एक रहना है और भारत के पूर्वजों के हैं। भले ही हमारे धर्म और संप्रदाय अलग हों, लेकिन समाज और राष्ट्रीयता के नाते हम एक हैं। ऐसे विचार से ही देश को एकता और प्रगति के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। संघ प्रमुख ने इस दौरान जनसंख्या पर कंट्रोल की भी बात की।

उन्होंने साफ कहा कि जनसंख्या को लेकर एक समग्र नीति बननी चाहिए और उसमें किसी को छूट नहीं मिलनी चाहिए। सभी पर समान रूप से नीति लागू होनी चाहिए। यदि कोई चीज लाभ वाली बात है तो समाज आसानी से स्वीकार कर लेता है। लेकिन जहां देश के लिए छोड़ना पड़ता है तो थोड़ी दिक्कत आती है।

मोहन भागवत ने इस दौरान दिल्ली की एक मस्जिद में अपने दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस की ओर से अल्पसंख्यकों से वार्ता कोई पहली बार नहीं है। हमने पहले भी ऐसा किया है। डॉ. हेडगेवार के समय से ऐसा चला आ रहा है और गुरुजी ने जिलानी से मुलाकात की थी। तब से ही हमारा सभी वर्गों के साथ संवाद चलता रहा है।

यही नहीं उन्होंने कहा कि हम ऐसे समाज से आते हैं, जो गलत को स्वीकार नहीं करता। भले ही संघ पर समाज को विश्वास है, लेकिन हम भी कुछ गलत करेंगे तो समाज हमें कान पकड़कर बैठा देगा। उन्होंने कहा कि गलत घटनाओं पर हिंदू समाज खुलकर बोलता है।

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