आगरा के मुस्लिम कब्रिस्तानों में जगह की कमी से पैदा होता जा रहा बड़ा , मुर्दों को दफनाने में दिक्कत

आगरा के मुस्लिम कब्रिस्तानों में जगह की कमी से बड़ा संकट पैदा होता जा रहा है। नए कब्रिस्तानों के लिए जगह न मिलने से समाज ने कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। कब्रिस्तान कमेटी ने अहम फैसले में पक्की कब्र बनाने पर रोक लगा दी है।

नियम बनाया जा रहा है कि कोई दीवार या निर्माण कार्य कराना हो, तो इसके लिए कमेटी, वक्फ बोर्ड और डीएम की अनुमित लेनी होगी। साथ ही कब्र के लिए एडवांस में जगह देने पर भी रोक लगा दी गई है। नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

कमेटी के सचिव जहीरउद‌दीन बाबर ने बताया कि कब्रिस्तानों में बहुत से लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए हैं। इन्हें हटाने के लिए काम शुरू हो गया है। सभी को पहले मौखिक रूप से कहा जा रहा है। अगर, तब भी खाली नहीं करेंगे तो नोटिस भेजकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि कब्रिस्तान में अवैध कब्जों को लेकर करीब 25-30 मुकदमे चल रहे हैं।

 पहले कुछ लोग अपने परिजन की कब्र के पास ही हदबंदी करके अपने खानदान के लोगों के लिए जगह घेर लिया करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। शाही पचकुईंया कब्रिस्तान कमेटी ने निर्णय लिया है कि हदबंदी पूरी तरह बंद कर दी गई है। जिन लोगों ने पहले ऐसा कर भी लिया है तो उनसे जमीन को वापस लिया जा रहा है।

अब कब्रिस्तान के अंदर निर्माण सामग्री बिना कब्रिस्तान कमेटी, डीएम और वक्फ बोर्ड की अनुमति के नहीं जाएगी। कमेटी के सचिव ने बताया कि लोग निर्माण सामग्री लेकर अंदर चले जाते हैं और फिर कोई पक्की कब्र बना देता है तो कोई मजार। इसे रोकने के लिए ऐसा नियम बनाया गया है। अवैध कब्जों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शाही पचकुईंया कब्रिस्तान कमेटी के सचिव जहीरउद‌दीन बाबर ने बताया कि अब कब्रिस्तान में बिना इजाजत के कोई भी प्रोग्राम नहीं होंगे। लोग बिना अनुमति कार्यक्रम कर देते हैं, उस पर भी पाबंदी लगाई जाएगी। जब तक कमेटी से इजाजत नहीं मिलेगी, तब तक कार्यक्रम नहीं होगा। कमेटी इन कार्यक्रमों के लिए एक समय निर्धारित करेगी, उसी वक्त में प्रोग्राम करना होगा।

कब्रिस्तानों में अब जगह नहीं बची है, इस कारण मुर्दों को दफनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पहले बहुत से लोग कब्रों को पक्का कर देते थे लेकिन अब कब्रिस्तानों में ऐसा करने पर रोक लगा दी गई है। अब ऐसा करने वालों को रोका जा रहा है। कहा जा रहा है कि बहुत से लोग कब्र पर पत्थर लगाने के नाम पर कब्र पक्का करने की कोशिश करते हैं।

ऐसे लोगों को सख्ती से रोका जा रहा है। कहा जा रहा है कि अब जनाजा दफन करने के लिए पहले गोरकंद (शव दफनाने वाले) से वक्त लेने के बाद ही शव कब्रिस्तान में पहुंचेगा। ऐसा न करने पर शव दफनाने में बेवजह की परेशानी हो सकती है।

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