कमर दर्द को दूर करने के लिए करे ये उपाय

आज दुनियाभर में विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जा रहा है। यह खास दिन हर साल 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे हड्डियों में होने वाली फ्रैक्चर की समस्या को रोकने और उनके इलाज के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढाने का उद्धेश्य है।

उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होना आम बात है, लेकिन जीवनशैली में आए बदलाव के बाद आजकल कम उम्र में ही हड्डियां कमजोर हो रही है। इसका कारण है बोन मास में कमी आना। इसकी वजह से व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाता है।

राहत देंगे ये उपाय-
-अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कम से कम 15 -20 मिनट एक्सरसाइज के लिए जरूर निकालें।
-कोशिश करें कंप्यूटर आंखों के लेवल पर हो और गर्दन झुका कर न बैठना पड़े।
– फील्ड जॉब वाले बाइक चलते समय इस बात का ध्यान रखें की बाइक चलाते समय वो झुक कर नहीं बैठें। अगर ऐसा है तो बाइक का हैंडल ठीक करवाएं और रोज़ाना गर्दन और कमर की एक्सरसाइज ज़रूर करें।
-अपने वेट को कंट्रोल रखें। इसकी वजह से भी कमर दर्द होने के चांस बने रहते हैं।
-एक्सरसाइज के साथ-साथ संतुलित आहार का भी इसमें बहुत योगदान है।
-अपने भोजन में कैल्शियम और विटामिन डी युक्त पदार्थ ज़रूर लें। -समय-समय पर अपने शरीर में कैल्शियम की जांच भी करवाते रहे। – लंबे समय से अगर आप सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस या कमर दर्द से परेशान हैं तो तुरंत अपने स्पाइन स्पेशलिस्ट की सलाह लें।

रीढ़ की हड्डी को कैसे बनाएं रखें सेहतमंद-
डॉ जसकरण सिंह कहते है की, रीढ़ की हड्डी शरीर की अन्य हड्डियों की तुलना में सबसे अलग और नाज़ुक होती है। इसलिए इसकी उचित केयर और भी ज्यादा जरूरी होता है। डॉ जसकरन सिंह सलाह देते हैं कि रीढ़ की हड्डी को सेहतमंद बनाए रखने के लिए रोजाना 15-20 मिनट व्यायाम करें। ऐसा करने से व्यक्ति खुद को रीढ़ की हड्डी से जुड़े रोगों से बचा  सकता है।

वहीं सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस पर बात करते हुए डॉ जसकरन सिंह बताते हैं कि सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को गर्दन से लेकर सिर तक में तेज दर्द की शिकायत रहती है और कई बार चक्कर भी आने लगते हैं। यह बिमारी गलत लाइफ स्टाइल से जुड़ी हो सकती है- जैसे की गलत तरीके से उठना बैठना आदि। कंप्यूटर पर काम करते समय जल्दबाजी के कारण अक्सर लोग सामने की ओर झुक जाते हैं। इससे उनकी मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द का कारण बन जाता है। गंभीर स्थिति में इसकी वजह से लोगों को सिरदर्द, चक्कर आना और वॉमिटिंग जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर गर्दन और कमर का ठीक से ख्याल रखा जाए तो कमर और पीठ दर्द से यकीनन  छुटकारा पाया जा सकता है।

 

Related Articles

Back to top button