ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनीं लिज ट्रस ने दिया इस्तीफा, पढ़े पूरी खबर

ब्रिटेन में 44 दिन पहले प्रधानमंत्री बनीं लिज ट्रस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद एक बार फिर सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के समक्ष अगले पीएम के रूप में बड़ी चुनौती सामने आ गई है। एक कार्यकाल में ही दो पीएम का इस्तीफा कंजर्वेटिव पार्टी के लिए जनता के सामने अच्छा संकेत नहीं है।

ऊपर से जनमत सर्वेक्षण में विपक्षी लेबर पार्टी के पक्ष में लोगों का रुझान और परेशानी पैदा करने वाला है। खैर लिज ट्रस के बाद ब्रिटेन के अगले पीएम के लिए ऋषि सुनक का नाम सभी की जुबान पर है। लेकिन, बोरिस जॉनसन के नाम ने इस मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। विदेशी अखबारों का दावा है कि बोरिस भीतरखाने सांसदों को भरोसे में लेने की कोशिश कर रहे हैं।

ब्रिटेन इस वक्त भयंकर महंगाई की मार झेल रहा है। लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसी रिपोर्ट है कि देश की करीब आधी आबादी अपने खाने को लेकर कटौती कर रही है। ब्रिटेनवासियों के अलावा मुख्य पार्टी कंजर्वेटिव के लिए भी यह बड़ा चुनौतीपूर्ण वक्त है।

लिज ट्रस के बाद आम राय यही है कि उनकी जगह ऋषि सुनक को मिलेगी लेकिन, ज्यादातर जानकार यह भी कह रहे हैं कि इस वक्त ब्रिटेन न सिर्फ आर्थिक मंदी झेल रहा है बल्कि कंजर्वेटिव पार्टी के समक्ष खुद को साबित करने की चुनौती है इसलिए, संभावना है कि बोरिस जॉनसन की वापसी हो सकती है।

आज के विदेशी अखबारों ने चर्चा तेज कर दी है कि ऋषि सुनक अकेले नहीं है। द गार्जियन पोस्ट ने अपनी हेडलाइन में लिज ट्रस के इस्तीफे पर फोकस किया है। जबकि, डेली मेल ने ऋषि सुनक के साथ ही बोरिस जॉनसन को भी रेस में होने का दावा किया है। अखबार का दावा है कि “ब्रिटेन के पीएम की रेस में सुनक और बोरिस के बीच टक्कर है। मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।”

55 दिनों की जटिल चुनावी प्रक्रिया के बाद लिज ट्रस के सिर ब्रिटेन के पीएम का ताज सजा था लेकिन, महज 44 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई। ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्तीफा देकर लिज ट्रस के नेतृत्व को नकारा और कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाए।

लिज ट्रस ने अपने भाषण में कहा कि जिस उद्देश्य के लिए उनका चुनाव हुआ था उसे वो पूरा नहीं कर सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिस वक्त उनका इस पद के लिए चयन हुआ वो “आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता का दौर” था। अब सबसे बड़ा सवाल है आगे क्या होगा?

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