यूक्रेन जाने के इच्छुक MBBS छात्रों को लगा झटका , भारतीय दूतावास ने जारी किया ये फरमान

युद्ध की विभीषिका में जल रहे यूक्रेन में लंबे समय बाद भी हालात सामान्य न होने के कारण उत्तराखंड के डेढ़ सौ से ज्यादा मेडिकल छात्रों के भविष्य पर संकट गहराता जा रहा है। इनमें से करीब पचास छात्र वहां दोबारा जाकर पढ़ाई करने लगे थे, जबकि करीब सौ छात्र यूक्रेन जाकर पढ़ाई पूरी करना चाह रहे थे।

लिहाजा, दिवाली बाद कई छात्र इसकी तैयारी कर रहे थे। इस बीच, भारतीय दूतावास ने यूक्रेन छोड़ने का फरमान जारी कर दिया। उनके कुछ दोस्त यूक्रेन में छह माह की पढ़ाई पूरी करने जा भी चुके हैं। लेकिन, अब वे भी परेशान हैं कि आगे क्या होगा? यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे यूएसनगर निवासी एमबीबीएस अंतिम वर्ष के एक छात्र ने बताया कि हालात खराब होते जा रहे हैं। यूक्रेन में छह माह रुककर कोर्स पूरा करना मुश्किल हो गया है। अब एंबेसी ने भी हिदायत दे दी है, आगे देखते हैं, क्या होता है।

आशीष नौटियाल के अनुसार, अभी ज्यादातर छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन, ऑनलाइन पढ़ाई को नेशनल मेडिकल काउंसिल ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है। इस कारण हमें बाकी की पढ़ाई ऑफलाइन ही पूरी करनी होगी। इसके लिए यूक्रेन वापस जाने की मजबूरी थी। मगर, अब यूक्रेन जाना मुश्किल हो गया है।

देहरादून निवासी एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र अक्षत जोशी के पिता डॉ. डीपी जोशी ने बताया कि आगे बची हुई पढ़ाई ऑफलाइन ही करनी होगी। इसके लिए बेटे को दोबारा यूक्रेन भेजने की तैयारी थी। लेकिन, अब किसी आसपास के देश में भेजने का विकल्प देखना होगा। इसके लिए भी यूक्रेन के विवि में दस्तक देनी ही पड़ेगी।

लेकिन, यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सुरक्षा कारणों से भारतीय नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की हिदायत दे दी। यूक्रेन संकट के बाद वापस लौटे भटियाड़ी रोड निवासी टर्नोपिल विवि यूक्रेन के एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष के छात्र आशीष नौटियाल ने बताया कि वे और उनके कई दोस्त दिवाली के बाद यूक्रेन लौटने की तैयारी में थे। क्योंकि, बाकी का कोर्स ऑफलाइन पूरा करना है।

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