गले में खराश और दर्द से राहत पाने के लिए करे ये उपाय

बदलते मौसम के साथ कई लोग वायरल, बैक्टीरियल इन्फेक्शंस की चपेट में आ रहे हैं। वहीं प्रदूषण की वजह से भी सांस के मरीजों में दिक्कत दिख रही है। ज्यादातर इन्फेक्शंस की शुरुआत गले से हो रही है।

यह संक्रमण कभी-कभी इतना खतरनाक हो जाता है कि पानी तक निगलने में दिक्कत होती है। वहीं जिन लोगों की लेरिंक्स या गले की नली सेंसिटिव है उनको इससे लंबे समय तक सूखी खांसी की दिक्कत भी सता सकती है। ऐसे में कुछ घरेलू उपचार हैं जो आपके काम आ सकते हैं।

हमें वायरल इन्फेक्शन है या बैक्टीरियल इसका पता नहीं चल सकता। इसलिए बेहतर है कुछ घरेलू उपचार करके सावधानियां बरती जाएं। सबसे पहले तो मौसम बदलते ही अपनी इम्यूनिटी पर ज्यादा ध्यान देना शुरू करें।

अगर आपको गले में संक्रमण हो गया है तो किसी से चेक करवाएं, अंदर लाल और सफेद निशान हैं तो यह बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें। इसके अलावा कोई ऐसी चीज न खाएं जो गले को इरिटेट करें। नमक डालकर गुनगुने पानी से गरारा करें। शहद खाएं। मिर्च और खट्टी चीजों से दूर रहें। आप गरम रवे का हलवा या कोई मीठी गरम चीज खाएं इससे गला इरिटेट नहीं होगा।

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप ढेर सारे मल्टीविटामिन्स और जड़ी-बूटियां खाना शुरू कर दें। प्रतिरक्षा तंत्र ठीक से काम करे इसके लिए खुश रहना और ऐक्टिव रहना भी जरूरी है। इसके अलावा जरूरी है कि जब आपको संक्रमण का पहला लक्षण दिखे तब ही कुछ उपाय शुरू कर दें।

सबसे पहले तो यह जान लें ज्यादातर गले का संक्रमण या सर्दी-जुकाम बदलते मौसम में वायरस की वजह से होता है। वहीं बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी आपके गले में दर्द और टॉन्सिल्स फूलने की वजह बन सकता है। वायरल इन्फेक्शन में कोई दवा काम नहीं करती। यह इसके लक्षण करीब 10 दिन में अपने आप ही चले जाते हैं। वहीं बैक्टीरियल इन्फेक्शन को ट्रीट करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।

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