उत्तराखंड में कब होगा लागू होगा समान नागरिक कानून?, पांच महीने का समय…

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड-यूसीसी (समान नागरिक कानून) का ड्राफ्ट तय करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी का कार्यकाल बढ़ना तय है। कमेटी के लिए रिपोर्ट देने के लिए तय समय सीमा में अब कुछ दिन का ही समय बचा है। लेकिन कमेटी अब तक नागरिक कानून के लिए तय कुछ विषयों पर ही काम कर पाई है।

सरकार ने कमेटी को विवाह, तलाक, सम्पत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद, रख रखाव और संरक्षता विषयों पर खासकर गौर करने के लिए कहा है। लेकिन अब तक कमेटी कुछ विषयों पर ही काम कर पाई है। इस बीच कमेटी ने 23 अक्तूबर तक लोगों से इस विषय पर अपनी राय देने को कहा था, जिसमें कुल मिलाकर एक लाख से अधिक सुझाव आने से भी कमेटी का काम बढ़ गया है।

हालांकि इसमें ज्यादातर लोगों ने विषय पर ठोस बात रखने के बजाय पक्ष – विपक्ष में समर्थन या विरोध ही किया है। लेकिन कमेटी के एक सदस्य के मुताबिक इसके बावजूद प्रत्येक की राय को दर्ज तो किया ही जाना है। साथ ही कमेटी अभी जिलों में जाकर भी लोगों से संवाद पूरा नहीं कर पाई है।

इन हालातों में कमेटी को कम से कम एक विस्तार मिलना तय समझा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अगले एक से दो माह कमेटी लोगों के सुझावों का आंकलन करने के बाद, ड्राफ्टिंग का मुख्य काम करेगी। इस कारण अंतिम रिपोर्ट में समय लगना तय है।

इस बीच जनता के बीच से आए हजारों की संख्या में सुझावों ने भी कमेटी का काम बढ़ा दिया है। प्रदेश सरकार ने गत 27 मई को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए, छह माह में रिपोर्ट देने को कहा था। इस समय सीमा के लिहाज से कमेटी का शुरुआती पांच महीने का समय निकल गया है।

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