खराब दौर से गुजरते समय विराट कोहली के लिए धोनी ने किया था ऐसा , जानकर चौक उठे लोग

पाकिस्तान की जमीन पर अपने नागरिकों की हत्याओं के बाद चीन शहबाज सरकार से नाराज चल रहा है। हाल ही में शी जिनपिंग ने पाक पीएम शहबाज से इस बारे में बात भी की थी। रिपोर्ट है कि चीनी नागरिकों को सरकारी बुलेट प्रूफ वाहनों से इधर-उधर ले जाया जाएगा।

कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले के बाद वैसे साफ हो चुका है कि पाकिस्तान में कोई भी सुरक्षित नहीं है। खबर यह भी है कि चीन ने पाकिस्तान से वादा किया है कि वह निजी सुरक्षा गार्डों और कानून प्रवर्तन एजेंसी कर्मियों को आधुनिक तकनीकों और मॉड्यूल से लैस करने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित करेगा।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते सीपीईसी परियोजनाओं पर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर “गहरी चिंता” व्यक्त की थी और प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी पहली बीजिंग यात्रा के दौरान बातचीत में चीनी नागरिकों के लिए “विश्वसनीय और सुरक्षित वातावरण” की मांग की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब यह निर्णय चीनी सरकार की चिंताओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

दोनों देशों के बीच तैयार मसौदे के अनुसार, चीनी पक्ष ने इस उद्देश्य के लिए अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। चीन ने पाकिस्तान से वादा किया है कि वह निजी सुरक्षा गार्डों और कानून प्रवर्तन एजेंसी कर्मियों को आधुनिक तकनीकों और मॉड्यूल से लैस करने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा।

सूत्रों के अनुसार, अपने कार्यकर्ताओं पर बार-बार होने वाले हमलों के साथ चीन ने पाकिस्तान से अपने सुरक्षा कर्मियों को चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए कहा था।
गैर-गलियारा परियोजनाओं में शामिल आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पाकिस्तान ने सुरक्षा प्रयासों पर समन्वय के लिए एक अलग संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा था। लेकिन यह तय किया गया कि गैर-सीपीईसी परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए एक संयुक्त तकनीकी विशेषज्ञ कार्य समूह (जेटीईडब्ल्यूजी) की स्थापना की जाएगी।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ता है। 60 बिलियन डॉलर का CPEC चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना में लगे चीनी कामगारों की सुरक्षा बीजिंग के लिए बड़ी चिंता रही है।
रिपोर्ट कहती है कि सीपीईसी की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) के मसौदे के अनुसार, दोनों देश कानून-प्रवर्तन एजेंसियों और जांचकर्ताओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर भी सहमत हुए हैं। 11वें जेसीसी के ड्राफ्ट मिनट्स में कहा गया है, ‘यह तय किया गया है कि परियोजनाओं में लगे चीनियों की सभी बाहरी गतिविधियों के लिए बुलेट प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।’

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