अभी – अभी केंद्र सरकार ने जारी किया ये नया नियम , हर रोज 30 मिनट तक करना होगा…

सेटेलाइट टीवी चैनलों को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को नए नियम जारी किए हैं। नए नियमों के मुताबिक टीवी चैनलों को हर रोज 30 मिनट तक ‘जनहित से जुड़ा’ प्रसारण करना होगा। भारत को प्रमुख अपलिंकिंग केंद्र (हब) के रूप में पेश करने के लिए सरकार ने बुधवार को टेलीविजन चैनलों के अनुपालन के लिए दिशानिर्देशों में रियायतों की घोषणा की।

साथ ही मुख्य रूप से मनोरंजन चैनलों के लिए 30 मिनट का दैनिक जनहित से जुड़ा प्रसारण अनिवार्य कर दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनल के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022 को मंजूरी प्रदान कर दी है।

संयुक्त सचिव (प्रसारण) संजीव शंकर ने यहां मीडिया को दी गई एक प्रस्तुति में कहा, “कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण के लिए अनुमति लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है, केवल सीधा प्रसारण वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा।”

उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड डेफिनिशन (एसडी) से हाई डेफिनिशन (एचडी) या इसके उलट भाषा बदलने या ट्रांसमिशन मोड में बदलाव के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चैनल को केवल मंत्रालय को किए जाने वाले बदलावों के बारे में सूचित करना होगा।

इस संबंध में दिशानिर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में उनमें संशोधित किए गए थे। अंतरिम अवधि में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए 11 साल बाद इसमें अब संशोधन किया गया है।

कोई कंपनी डीएसएनजी (डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग) के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों जैसे ऑप्टिक फाइबर, बैग बैक, मोबाइल इत्यादि का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी

उन्होंने कहा कि नए दिशानिर्देशों के तहत टेलीविजन चैनल के लिए हर दिन 30 मिनट के लिए राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित से जुड़ी सामग्री प्रसारित करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नए दिशानिर्देशों के तहत कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण की अनुमति खत्म कर दी गई है।

हालांकि, सीधा प्रसारण किए जाने वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण जरूरी होगा। दिशानिर्देशों के अनुसार एक से अधिक टेलीपोर्ट या उपग्रह की सुविधाओं का उपयोग कर किसी चैनल को अपलिंक किया जा सकता है, हालांकि मौजूदा नियमों के तहत सिर्फ एक ही टेलीपोर्ट या उपग्रह के जरिए चैनल को अपलिंक किया जा सकता है।

इस कदम से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। सिंगापुर उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 चैनल में से केवल 30 चैनल ही भारत से अपलिंक हैं।

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