जेल से निकलते ही फॉर्म में आए संजय राउत, बीजेपी पर लगाया ये आरोप

पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 102 दिन जेल में बिताने के बाद जमानत पर बाहर आए शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने हुंकार भरी है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि 2019 में जब हमने भाजपा के साथ एलायंस किया था तो उस वक्त हम खुद एकनाथ शिंदे को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन, उस वक्त भाजपा के लिए यह स्वीकार्य नहीं था। उद्धव ठाकरे सीएम नहीं बनना चाहते थे लेकिन, भाजपा ने जब गठबंधन का मान नहीं रखा तो परिस्थतियों के अनुसार उद्धव को ऐसा करना पड़ा।

राउत आगे कहते हैं , “जब हमने भाजपा के साथ गठबंधन किया तो उद्धव ठाकरे सीएम नहीं बनना चाहते थे। पार्टी ने यह फैसला लिया था कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाए। अगर उस वक्त भाजपा अपना वादा पूरा करती, तो एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाता।

उस वक्त शिंदे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के प्रति अपनी निष्ठा रखते थे। लेकिन भाजपा ने शिवसेना का नाम और चिह्न सबकुछ तोड़कर ऐसा किया। इससे पता लगता है कि भाजपा क्या चाहती थी?”

यह पूछे जाने पर कि शिंदे को सीएम बनाने का फैसला होने पर उद्धव ठाकरे राज्य के मुखिया कैसे बने? राउत ने कहा, “उद्धव ठाकरे अलग-अलग परिस्थितियों में सीएम बने।” गठबंधन का संकेत देते हुए राउत ने कहा कि शिवसेना ने शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है, इसलिए उस वक्त की परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उद्धव ठाकरे को 2019 में महाराष्ट्र में सरकार बनानी पड़ी।

अपने खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि ऐसा क्यों है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में केवल विपक्ष के लोगों को ही नामजद किया गया है और भाजपा के उन नेताओं या उन राज्यों में कोई क्यों नहीं है जहां भाजपा ने अपनी सरकार बनाई है।

शिवसेना के फायरब्रांड नेता संजय राउत जेल से बाहर आ चुके हैं और अपने धुआंधार बयानों से एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं। आजतक से बातचीत में राउत ने कहा, “महाराष्ट्र चुनाव से पहले, हमने भाजपा के साथ गठबंधन किया था, समझौता था कि सत्ता 50:50 के आधार पर साझा की जाएगी। हम हिंदुत्व को आगे ले जाना चाहते थे,जो कि दोनों दलों की मूल विचारधारा भी है।

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