‘राजस्थान राज्य अधिकृत राशन विक्रेता नियोजक संघ’ ने मुख्यमंत्री को दिया ये ज्ञापन
सरकार की तरफ से राशन कार्ड धारकों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं. सस्ते राशन से लेकर आयुष्मान कार्ड की सुविधा तक कार्ड धारकों के लिए शुरू की गई हैं. लेकिन इस बीच राशन डीलर्स की तरफ से भी विभिन्न मांगे होती रहती हैं. पिछले दिनों यूपी सरकार राशन डीलर्स की आमदनी बढ़ाने के मकसद से जनसेवा केंद्र खोलने का प्रावधान लेकर आई थी. अब राजस्थान के पीडीएस दुकानदारों (PDS Shopkeeper) ने हर महीने 30 हजार रुपये वेतन देने की मांग की है. इसको लेकर ‘राजस्थान राज्य अधिकृत राशन विक्रेता नियोजक संघ’ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है.
राज्य में पीडीएस दुकानदारों का आरोप है कि पिछले कई वर्षों से काम करने के दौरान सरकार की तरफ से उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उनका परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. राशन डीलर्स ने मानदेय बढ़ाने के साथ ही संविदा अधिनियम-2022 के अंतर्गत नियमितिकरण करने और PDS मशीन में दर्ज होने वाली गेहूं की एक क्विंटल की उतराई 10 रुपये क्विंटल के हिसाब से देने की मांग की है. आपको बता दें राजस्थान में करीब 27000 राशन डीलर हैं, जिन्हें हर महीने 8 हजार रुपये कमीशन के तौर पर दिया जाता है.
अब राशन डीलर्स का कहना है कि लंबे समय से उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया है. लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच सरकार को मानदेय बढ़ाना चाहिए. हर राज्य में राशन डीलर्स (कोटेदारों) के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. आइए जानते हैं दूसरे राज्यों में राशन डीलर्स को क्या मिलता है?
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पिछले दिनों कोटेदारों का कमीशन बढ़ाने का ऐलान किया गया था. यूपी में करीब 80 हजार राशन की दुकानें हैं. सरकार ने कोटेदारों को मिलने वाला कमीशन 70 रुपये से बढ़ाकर 90 रुपये कर दिया है. कोटेदारों की तरफ से लंबे समय से इसे बढ़ाने की मांग की जा रही थी. इसके अलावा सरकार ने कोटेदारों की आमदनी बढ़ाने के लिए जन सेवा केंद्र शुरू करने की भी इजाजत दी थी. इसके पीछे सरकार की मंशा कोटेदारों की आमदनी बढ़ाना थी.
बिहार में राशन डीलर्स को 75 से 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से कमीशन दिया जाता है. यक कमीशन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. राशन डीलर के यहां जितने ज्यादा कार्ड धारकों का नाम अंकित होगा उसे उतना ही ज्यादा कमीशन मिलेगा. बिहार में भी राशन डीलर्स की तरफ से कमीशन बढ़ाये जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है.