इस खिलाड़ी ने 60 के दशक में बैटिंग और विकेटकीपिंग के दम पर फैंस के दिलों में बनाई अलग जगह

भारतीय टीम ने दुनिया को एक से बढ़कर एक बल्लेबाज दिए हैं. इनमें सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, महेंद्र सिंह धोनी से लेकर विराट कोहली और रोहित शर्मा तक शामिल हैं. भारतीय बल्लेबाजों ने सारी दुनिया में अपनी बैटिंग का डंका बजाया है. इन धाकड़ बल्लेबाजों से दुनिया के बड़े से बड़े गेंदबाज खौफ खाते थे. आज हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं. उसका नाम है फारुख इंजीनियर. इस खिलाड़ी ने 60 के दशक में अपनी बैटिंग और विकेटकीपिंग के दम पर फैंस के दिलों में अलग जगह बनाई थी.

क्रिकेट के शुरुआती दिनों में किसी विकेटकीपर खिलाड़ी की भूमिका सिर्फ विकेटकीपिंग तक ही सीमित रह जाती थी और उसकी गिनती पुछल्ले बल्लेबाजों में होती थी. लेकिन फारुख इंजीनियर ने इस परंपरा को तोड़ दिया. वह एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर जाने गए, जो धाकड़ बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग भी कर लेता है. उन्होंने अपने दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं.

फारुख इंजीनियर की गिनती सबसे हैंडसम खिलाड़ियों में होती है. उनका हेयरस्टाइल और दाढ़ी रखने का तरीका खूब चर्चा में था. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 1961 में अपना डेब्यू किया और साल 1975 में अपना आखिरी मैच खेला. उनका करियर 15 साल का रहा.

1970 के दशक में फारुख इंजीनियर विकेटकीपर खिलाड़ी के तौर पर टीम इंडिया में पहली पसंद माने जाते थे. उनकी फुर्ती मैदान पर देखने लायक थी. फारुख ने इंग्लैंड में जा बस गए हैं. वह लंकाशायर के लिए भी क्रिकेट खेले हैं. उन्होंने टीम इंडिया की तरफ से 46 टेस्ट मैचों में 2611 रन बनाए हैं, जिसमें 2 बड़े शतक शामिल हैं. 121 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था. उन्होंने भारत के लिए 5 वनडे मैचों में 114 रन जड़े हैं.

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