योगी सरकार ने विधानसभा में पेश किया बजट, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 300 करोड़

योगी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में लगातार वृद्धि हो रही है।

प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिये आधारभूत संरचाओं में वृद्धि की गई है। इससे पर्यटन वृद्धि के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन भी हो रहा है। इस साल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे अयोध्या-काशी, प्रयागराज जैसे धार्मिक जिलों में विकास कार्य कराए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए। जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या 04 लाख 10 हजार से अधिक रही है।

स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत गोरखपुर-देवीपाटन डुमरियागंज का पर्यटन विकास, स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत जेवर दादरी सिकन्दराबाद नोएडा-खुर्जा बांदा का समेकित पर्यटन विकास, जनपद मथुरा स्थित गोवर्धन के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

शक्ति पीठ माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रयागराज के समेकित विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

पर्यटन नीति 2018 के अर्न्तर्गत पर्यटन इकाईयों को प्रोत्साहन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

बुन्देलखण्ड का समेकित पर्यटन विकास हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजनान्तगत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रूपये की धनराशि से कराया जा रहा है।

 

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