शहरी क्षेत्रों में कुत्ता पालने के लिए करना होगा ये काम , जाने क्या है नियम

हरी क्षेत्रों में देशी-विदेशी कुत्ता पालने के लिए नियमों को और सख्त कर दिया गया है। इसका पालन न करने वालों का कुत्ता जब्त कर लिया जाएगा। भविष्य में पड़ोसियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, इसका शपथ पत्र भी कुत्ता पालकों से लिया जाएगा। सार्वजनिक स्थल पर नित्यक्रिया करने पर उसकी सफाई की जिम्मेदारी भी मालिक की होगी।

पांच या अधिक निराश्रित कुत्तों को गोद लेने वाले व्यक्तियों और निवासी समूहों को आश्रय गृहों के समान माना जाएगा और पशु कल्याण बोर्ड आफ इंडिया द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

पालतू कुत्तों का पंजीकरण करने वाले नगरीय निकाय को कुत्ते के मालिक को एक चिप या टोकन भी देना होगा। इसमें कुत्ते का पंजीकरण नंबर, मालिक का नाम, पता और संपर्क नंबर भी होगा। कुत्ते को टहलाने या अन्य दिनचर्या के लिए बाहर ले जाने पर कालर के साथ चिप लगानी होगी। अगर कुत्ता सड़क पर या घर से बाहर किसी सार्वजनिक स्थान पर बिना चिप के पाया जाता है, तो नगरीय निकाय के कर्मचारी ऐसे कुत्तों को जब्त कर लेंगे।

प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात ने इस संबंध में कुत्तों के पंजीकरण से संबंधित संशोधित नई आदर्श कार्यवाही प्रक्रिया (एसओपी) संबंधी आदेश जारी करते हुए सभी निकायों को भेज दिया है। इसके मुताबिक शपथ पत्र में यह भी लिखकर देना होगा कि बाहर ले जाते समय कुत्ते को जंजीर से बांधकर रखूंगा। प्रतिवर्ष टीकाकरण एवं एक वर्ष की आयु हो जाने पर उसकी नसबंदी भी करवाना होगा।

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों में कुत्तों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसलिए संशोधित नियम जारी किया गया है। पालतू कुत्ते का लाइसेंस एक वर्ष के लिए मिलेगा। लाइसेंस वैध रहने के दौरान यदि कुत्ते की एंटी रैबीज वैक्सीनेशन की वैधता खत्म हो जाती है तो लाइसेंस अपने आप निरस्त माना जाएगा।

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