ताबड़तोड़ एनकाउंटर से अतीक गैंग के गुर्गों में दहशत, अशरफ के खास लाला गद्दी ने किया सरेंडर

मेश पाल हत्याकांड के बाद ताबड़तोड़ एनकाउंटरों में दो अपराधियों को मार गिराए जाने और बुलडोजर ऐक्शन से अतीक गैंग के गुर्गों में दहशत फैल गई है। इसी के चलते बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से अवैध मुलाकात के मामले में वांछित लल्ला गद्दी ने सरेंडर कर दिया।

सोमवार रात 11 बजे तय योजना के मुताबिक एसओजी की टीम सेटेलाइट पर पहुंची और लल्ला गद्दी ने वहां खुद को उनके हवाले कर दिया। प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच शुरू हुई तो तार बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक के भाई अशरफ से जुड़ गए। हत्या में अशरफ को भी नामजद किया गया तो यहां जांच शुरू हुई। सामने आया कि अशरफ ने साले सद्दाम के जरिए बरेली में नेटवर्क बना रखा था। सद्दाम के साथ ही लल्ला गद्दी समेत कई स्थानीय गुर्गे जेल में अवैध रूप से अशरफ से मिलने जाते थे।

जेल का स्टाफ अकेले में अशरफ से उनकी मीटिंग कराता था। आरोप था कि ये लोग जेल में पुलिस अधिकारियों और गवाहों की हत्या के साथ ही रंगदारी मांगने की योजना बनाते थे। लल्ला गद्दी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही थी। इसी दौरान उसने विशेष कोर्ट में सरेंडर अर्जी डाल दी थी।

बरेली जेल में बंद माफिया अतीक के भाई अशरफ से मिलाई करने जेल में जाने वाले पीलीभीत के युवक को एसओजी ने पकड़ लिया। जानकारी मिलने पर पहुंची एसओजी बरेली ने आरोपी युवक से घंटों पूछताछ की और फिर अपने साथ बरेली ले गई। इस मामले से जुड़े एक अन्य युवक की भी तलाश की जा रही है, लेकिन उसका कुछ सुराग नहीं लग रहा है।

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को नामजद किया गया है। अशरफ करीब ढाई साल से बरेली जेल में बंद है। इसी बीच बरेली जेल में अशरफ से मिलने वालों की लिस्ट तैयार हुई तो उसमें पीलीभीत के दो युवकों के नाम भी सामने आए। इसका इनपुट बरेली एसओजी और एसआईटी टीम ने पीलीभीत पुलिस को दिया। इसके बाद स्थानीय पुलिस टीम और एसओजी दोनों युवकों की तलाश में जुट गई। बरेली की एसओजी टीम ने भी उनकी तलाश में पीलीभीत पहुंची लेकिन वे हाथ नहीं आए।

लल्ला गद्दी के कोर्ट में सरेंडर अर्जी डालने के बाद पुलिस पर उसकी गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया था। इसके चलते पुलिस ने उसके करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू किया तो सोमवार रात उसने एसओजी के समक्ष सरेंडर कर दिया। सूत्रों के मुताबिक रात करीब 11 बजे लल्ला गद्दी एक सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार से दो लोगों के साथ सेटेलाइट पहुंचा। इसकी सूचना पर एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा टीम के साथ वहां पहुंचे और दो मिनट की बातचीत के बाद लल्ला गद्दी ने खुद को उनके हवाले कर दिया।

इसी बीच शनिवार रात पीलीभीत एसओजी ने शहर कोतवाली क्षेत्र के चूने वाली गली में स्थित चिकन बिरयानी वालों की दुकान पर दबिश देकर तीन युवकों को पकड़ा। इसके अलावा कोतवाली के समीप भी छापा मारकर एक युवक को हिरासत में लिया।

अचानक हुई छापेमारी के बाद आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। हिरासत में लिए गए युवक बरेली जेल में मिलने गए युवक के भाई और रिश्तेदार थे। सोमवार को एसओजी ने एक सूचना के आधार पर अशरफ से मिलने वाले चूने वाली गली निवासी एक युवक को पकड़ लिया। बरेली की एसओजी भी पीलीभीत पहुंच गई। थाना सुनगढ़ी में घंटों पूछताछ हुई और फिर टीम लेकर बरेली चली गई।

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