लखनऊ के पावर सब स्‍टेशनों की जमीन पर बनेगा ये, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

खनऊ के शहरी क्षेत्रों में स्थित बिजली विभाग के पारेषण से जुड़े उपकेंद्र जहां पर मौजूदा समय में अनुपयोगी जमीनें हैं, वहां पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होंगी। इन जमीनों पर कामर्शिलय कांप्लेक्स, बैंक, डाकघर और अन्य व्यवसायिक भवनों का निर्माण होगा।यह योजना भारत सरकार की योजना रेलवे और अन्य विभागों की खाली पड़ी जमीनों पर बड़े कामर्शियल कांप्लेक्स बनवाने जैसी हो होगी।

अनुपयोगी जमीनों को लीज पर भी दे सकता है प्रबंधन अभी यह नहीं बताया जा रहा है कि अनुपयोगी भूमि निजी संस्थाओं को लीज पर दी जाएंगी, बेची जाएंगी या फिर बिजली कंपनियां खुद इस तरह के निर्माण कराएंगी।

जानकार बताते हैं कि करीब एक लाख करोड़ के घाटे से गुजर रही बिजली कंपनियां खुद इस तरह का कोई निर्माण नहीं करने वाली हैं। विभाग में यह चर्चा है कि यदि जमीनें बेच दी गईं अथवा लंबी अवधि के लिए लीज पर दे दी गईं तो आबादी बढ़ने के साथ उपकेंद्रों के एक्सटेंशन में दिक्कतें आ सकती हैं। प्रदेश में 132 से 400 केवी क्षमता की 603 उपकेंद्र हैं।

पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अभी सिर्फ 400, 220 और 132 केवी की उन शहरी उपकेंद्रों का ब्यौरा मांगा है जो प्राइम लोकेशन पर हैं। इस सूचना के साथ ही इन उपकेंद्रों के पास उपलब्ध अनुपयोगी भूमि का ब्यौरा प्रबंधन ने तलब किया है। प्रबंधन ने अपने आदेश में सिर्फ इतना ही लिखा है कि इन अनुपयोगी जमीनों को कामर्शिलय कांप्लेक्स, बैंक, डाकघर आदि भवनों के निर्माण में लिया जा सकता है। मुख्य अभियंताओं से यह ब्यौरा तत्काल देने को कहा गया है।

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