सीएम योगी का बड़ा बयान , कहा 2017 के पहले यूपी बोर्ड नकल के लिए बदनाम था
नकल माफियाओं को समाज का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले यूपी बोर्ड नकल के लिए बदनाम था जबकि मौजूदा सरकार ने नकल विहीन परीक्षा व्यवस्था लागू की।
लोकभवन में आयोजित मेधावी छात्रों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि नकल माफिया समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। नकल कराकर शिक्षण स्थानों को अपवित्र करने वाले नकल माफिया का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। प्रशासन भी नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
उन्होंने इन्होंने विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। योगी ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश के विद्यालयों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक नहीं थे। हमारी सरकार ने छह वर्ष में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के एक लाख 62 हजार से अधिक शिक्षकों की पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को पूरी करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया। इतने शिक्षकों की सरकारी नियुक्ति कहीं देश भर में नहीं हुई है। बेसिक शक्षिा परिषद ने ऑपरेशन कायाकल्प माध्यम से 1 लाख 33 हजार वद्यिालयों को बहुत अच्छा विद्यालय बनाया है।
उन्होने कहा कि छह वर्ष पहले प्रदेश में तीन महीने तक परीक्षाएं होती थीं। दो से तीन महीने में परिणाम आते थे। तीन महीने अगली कक्षा के प्रवेश में तीन लग जाते थे तो तीन महीने का समय पर्व और त्योहारों में चला जाता थे। शक्षिण संस्थानों में पठान और पठन कम ही देखने को मिलता था। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शक्षिा बोर्ड ने ऐसा पहली बार किया है कि 15 दिन के अंदर परीक्षा हुई है और 14 दिन के अंदर परिणाम भी आ गया।