बाढ़ को लेकर योगी सरकार का अलर्ट, सतर्क हुई एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न जिलों में हुई भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ तथा जलभराव की स्थिति की सोमवार को समीक्षा करते हुए सभी सम्बन्धित विभागों को उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों में राज्य की नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी की आशंका के मद्देनजर हर वक्त अलर्ट मोड में रहने के आदेश दिये हैं।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़, जलभराव और राहत कार्यों की समीक्षा की तथा अधिकारियों को सतर्क रहने की हिदायत दी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ और भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति और सभी नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखने के निर्देश देते हुए प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रखने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर आपदा प्रबंधन मित्रों और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की भी मदद ली जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी वर्षा के बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है। ऐसे में सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड में रहें।

मुख्यमंत्री ने आकाशीय बिजली से कई स्थानों पर जनहानि की घटनाओं का जिक्र करते हुए वज्रपात के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली विकसित करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं राहत, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, दूर संवेदी प्राधिकरण, मौसम विभाग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से संवाद-संपर्क बनाएं और ऐसी प्रणाली का विकास करें जिससे आम जन को समय से मौसम की सटीक जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि इस वर्ष सभी जिलों में धान की रोपाई सामान्य रूप से चल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी और सहायक अभियन्ता हर वक्त अलर्ट मोड में रहें, तटबन्धों की लगातार निगरानी की जाए, बाढ़ या भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो और प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।

आदित्यनाथ ने जलभराव की समस्या के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम जलभराव से बचाव के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार व्यवस्था करें। जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगर निकाय के अध्यक्ष के साथ संवाद कर जरूरी कार्यवाही करें।

 

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