गुजरात में आम आदमी पार्टी को लगा बड़ा झटका, इस नेता ने छोड़ी पार्टी

मान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर सैद्धांतिक समर्थन का ऐलान करना गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल को महंंगा पड़ गया। गुजरात में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट से 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके ‘आप’ के एक नेता ने पार्टी द्वारा यूसीसी के सैद्धांतिक समर्थन का विरोध करते हुए रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान पर हमला है।

नर्मदा जिले के नांदोड (एसटी) सीट से 2022 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे वसावा ने अपने इस्तीफे में कहा है कि ‘आप’ समान नागरिक संहिता का समर्थन करने के साथ-साथ आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की बात नहीं कर सकती। उन्होंने दावा किया कि समान नागरिक संहिता आदिवासियों को मिले सभी विशेषाधिकार समाप्त कर देगी।

वसावा ने मणिपुर में ‘आदिवासियों’ की हत्या को लेकर केन्द्र पर आरोप लगाया और ‘आप’ से कट्टरवाद और घृणा की राजनीति का विरोध करने को कहा है।

बता दें कि, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक रैली में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का जिक्र किए जाने के बाद ‘आप’ की ओर से इसे सैद्धांतिक समर्थन दिया गया था। ‘आप’ के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा था कि इसे सभी की सहमति से लाया जाना चाहिए। पाठक ने हाल में कहा था, ”आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करती है। संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है।”

‘आप” की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए केजरीवाल को लिखे गए पत्र में वसावा ने कहा है, ”समान नागरिक संहिता से आदिवासियों, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों के संवैधानिक अधिकारों, जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा पैदा होगा।”

 

Related Articles

Back to top button