गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द बने ये नेता , जानकर लोग हुए हैरान

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को सियासी संकट से निकालने वाले राजेंद्र गुढ़ा अब गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं। गुढ़ा ने राज्यसभा चुनाव और निर्दलीय विधायकों को लेकर लेन-देन का जिक्र कर सीएम गहलोत को निशाने पर ले रखा है।

राजस्थान की राजनीतिक में कथित तौर पर गुढ़ा की लाल डायरी की चर्चा है। बीजेपी लाल डायरी का मुद्दा उठाकर सरकार को घेर रही है। बता दें 2020 में सचिन पायलट ने बगावत कर गहलोत सरकार को संकट में डाल दिया था। करीब 20 विधायक गुड़गांव में डेरा डाले हुए थे। गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई थी। 17 सितंबर 2019 को बीएससी से 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए।

सरकार का गिरने से बचाने में अहम भूमिका निभाई। राजेंद्र गुढ़ा का दावा है कि उनकी अगुवाई में ही बीएसपी विधायक काग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। विधानसभा चुनाव चुनाव 2018 में कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत दर्ज मिली थी। इसमें एक सीट पर सहयोगी दल आऱएलडी प्रत्याशी ने भरतपुर से जीत दर्ज की थी।

सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के सहारे सरकार रिपीट का दावा कर रहे सीएम गहलोत के खिलाफ गुढ़ा ने मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी लगातार हमलावर है। सियासी जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट की चुप जरूर हैं, लेकिन उनके समर्थक माने जाने वाले गुढ़ा उनका काम कर रहे है। राजस्थान में साढ़े चार साल में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक सरकार को किसी न किसी मुद्दे पर घेरते रहे हैं।

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