नेताजी के नन्‍हें समर्थक नवरत्‍न की मुराद अखिलेश यादव ने कर दी पूरी , गाड़ी भेजकर बुलाया सैफई

समाजवादी पार्टी के संंस्‍थापक और पूर्व मुख्‍यमंंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सुुुनकर करीब पांच सौ किलोमीटर दूर महराजगंज के नौतनवा से पैदल ही सैफई के लिए निकल पड़ने वाले नेताजी के नन्‍हें समर्थक नवरत्‍न की मुराद अखिलेश यादव ने पूरी कर दी। अखिलेश ने गाड़ी भेजकर नवरत्‍न को सैफई बुलवाया। उससे काफी देर तक बातचीत की और कोठी में ही खाना खिलाया गया।

अखिलेश यादव ने जब नवरत्‍न से पूछा कि वह क्‍या बनना चाहता है तो उसने नेता बनने की इच्‍छा जताई। इस पर अखिलेश ने उसे अच्छे स्कूल में पढ़ने की सलाह दी और वादा किया क‍ि पढ़ाई का पूरा खर्च वह खुद उठाएंगे। अखिलेश ने कहा कि पहले पढ़ लो फिर नेता बनना।

शनिवार की सुबह नौतनवा के पूर्व विधायक मुन्ना सिंह नन्हें समर्थक को लेकर यहां पहुंचे। नन्हा समर्थक अपने को सैफई में अपने नेताजी की कोठी पर खड़ा पाकर अचरज में था, गाड़ी से उतरते समय कोठी और आसपास के माहौल को देखकर उसकी आंखों को भरोसा नहीं हो रहा था कि वह यहां है।

कुछ ही देर में उसको अखिलेश यादव के सामने ले जाया गया तो उसने हाथ जोड़कर प्रणाम किया। साथ ही पास में रखे मुलायम सिंह यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित करके चित्र को हाथ से छूकर अपने माथे से लगाया, इस दौरान उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

मुलायम सिंह यादव बड़े नेता तो थे ही उनके लाखों समर्थक भी हैं। समर्थकों में सभी उम्र के लोग शामिल हैं, इनमें नन्हे समर्थक भी हैं। एक 10 साल का समर्थक तो अपने घर से बिना बताये नेताजी के अंतिम दर्शन के लिये यहां से पांच सौ किमी दूर महाराजगंज से चल पड़ा था।

इटावा पहुंचा तो यहां आकर रास्ता भटक गया, किसी तरह गुरुवार को कानपुर पहुंच गया तो जीआरपी ने उसको बैठा लिया और पूछताछ की तो पता चला कि उसका नाम नवरत्न यादव है और उसके पिता सिकंदर यादव काफी गरीब हैं। वह घर से बिना बताये निकला था। बाद में परिजन उसको ले गये, इसकी जानकारी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हुई तो उन्होंने इस नन्हें समर्थक को गाड़ी भेजकर सैफई बुलवाया।

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