3 नवंबर को होने है बिहार में उपचुनाव, जानिए क्या है नीतीश कुमार का प्लान

बिहार में उपचुनाव 3 नवंबर को होने हैं। दोनों सीटों पर होने वाला मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। इसकी वजह है जदयू, राजद और कांग्रेस का एकसाथ आना। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU भाजपा से नाता तोड़ चुकी है। नीतीश पहले ही विपक्षी दलों के एकसाथ आकर 2014 में भगवा पार्टी को मात देने की कोशिशें शुरू कर चुके हैं। राज्य में 2 सीटों पर होने वाला उपचुनाव को गढ़ बचाने की लड़ाई के तौर पर भी देखा जा रहा है।

बात अगर गोपालगंज सदर विधानसभा सीट की करें तो यहां भी उपचुनाव बेहद रोचक होने जा रहा है। पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सुभाष सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। सुभाष सिंह यहां से लगातार चार बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बीजेपी दिवंगत सुभाष सिंह के परिवार से या उनके किसी करीबी को टिकट दे सकती है। पार्टी को सहानुभूति लहर का फायदा मिलने की उम्मीद है।

बिहार की इन दोनों विधानसभा सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक होने का अनुमान है। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार चुनावी माहौल बन रहा है। एक तरफ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव उपचुनाव को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

वहीं, आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपने दम पर बिहार जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी के लिए भी उपचुनाव अहम हो गए हैं। बीजेपी की ओर से केंद्रीय स्तर के नेता उपचुनाव में प्रचार के लिए आ सकते हैं। वहीं, नीतीश-तेजस्वी समेत महागठबंधन नेताओं की संयुक्त रैलियां करते भी देखा जा सकता है।

अब बात मुंबई की अंधेरी (ईस्ट) सीट पर होने वाले उपचुनाव की करते हैं। यहां शिवसेना के ठाकरे गुट का मुकाबला बीजेपी और उसके सहयोगियों से होना है। ध्यान रहे कि शिवसेना से बगावत के बाद महाराष्ट्र में भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनी है। फिलहाल, ठाकरे और शिंदे गुट के बीच पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर लड़ाई है। सूत्रों का कहना है कि ‘तीर और धनुष’ का निशान ठाकरे की सेना को मिल सकता है।

मोकामा विधानसभा सीट को आरजेडी का गढ़ माना जाता है। जेल में बंद बाहुबली नेता अनंत सिंह का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है। पिछले दिनों अनंत सिंह को एके-47 मामले में सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी, इसके बाद मोकामा सीट खाली हो गई। अब उपचुनाव में आरजेडी अनंत सिंह के किसी करीबी को ही यहां से उम्मीदवार बना सकती है।

मोकामा से महागठबंधन में आरजेडी का उम्मीदवार उतरना तय माना जा रहा है, उसका मुकाबला बीजेपी से हो सकता है। आरजेडी अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी पर ही दांव खेल सकती है। वहीं, बीजेपी को यह सीट जीतने के लिए बहुत जद्दोजहद करनी होगी।

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