इस साल के अंत तक सिर्फ 14 दिन ही बजेगी शहनाई, दिसंबर में लाग रहा खरमास

इस साल के अंत तक सिर्फ 14 दिन ही शहनाई बज सकेगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक यही 14 दिन शादी-विवाद समेत अन्य मांगलिक कार्य करने के लिए शुभकारी हैं।

दिसंबर में ही खरमास भी लग रहा है। कम दिन सहालग एवं मांगलिक कार्य होने से दुकानदारों को काफी उम्मीद है। कुछ बड़े व्यापारियों का दावा है कि सहालग के लिए पहले से लोगों ने बुकिंग भी कर रखी है। इसमें आभूषण, कपड़े, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक से लेकर अन्य सामान शामिल है।

स्वास्तिक ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थानी और प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस साल देवोत्थानी एकादशी चार नवंबर को है। इस दिन क्षीर सागर में सोए हुए भगवान विष्णु जागते हैं। उनके जागने के बाद से ही सभी मांगलिक कार्य शुरू किए जाते है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। तुलसी का विवाह शालिग्राम से किया जाता है।

तुलसी विवाह उत्सव भी शुरू होता है। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी में दान पुण्य करने से व्यक्ति के घर में शुभता का आगमन होता है। बीती 10 जुलाई से विवाह आदि मांगलिक कार्य रुके हैं। शुक्र अस्त होने से इस बार देवोत्थान एकादशी के बाद भी शादी का मुहूर्त नहीं बना रहा है। शुभ कार्यों में शुक्र उदय होना जरूरी है। शुक्र तारा दो अक्तूबर को अस्त हो गया था, जो 20 नवंबर तक जारी रहेगा।

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस समय शुक्र अस्त है। ऐसे में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का अभाव है। वर्तमान समय में शुक्र तुला राशि में सो रहा है। अपने घर के होकर भी शुक्र की स्थिति राहु और शनि से दृष्ट होने के कारण कमजोर बना हुआ है, जिसके कारण संपूर्ण प्रभाव दे पाने में शुक्र असमर्थ हैं।

विवाह कार्य 24 नवंबर से शुरू होंगे, जो कि 15 दिसंबर तक विवाह के लग्न होंगे। 16 दिसंबर से सूर्य की धनु संक्रांति के कारण खरमास शुरू हो जाएगा। उसमें भी विवाह आदि कार्य नहीं होते हैं। उसके बाद मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 के बाद विवाह आदि कार्य होंगे। 15 मार्च के बाद मीन खरमास लग जाएगा।

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