लद्दाख में चीन ने किया ऐसा, दिखाई फिर दादागिरी

लद्दाख में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और आए दिन अपनी दादागिरी दिखाता रहता है। इसी कड़ी में हाल ही में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास डेमचोक में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय चरवाहों को रोकने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह घटना 21 अगस्त को हुई थी। हालांकि घटना के बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच इस मसले पर बातचीत भी हुई है।

असल में लद्दाख से अरुणाचल तक फैली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कुल 23 संवेदनशील इलाके हैं। इनमें डेमचोक का भी नाम आता है। साल 2018 में चीनी सैनिक डेमचोक में 300-400 मीटर अंदर तक घुस गए थे। उन्होंने कुछ टेंट भी उखाड़े थे।

इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच बातचीत हुई और मामले को कंट्रोल किया गया था। इतना ही नहीं साल 2020 के अक्टूबर में चीन का एक सैनिक डेमचोक से ही पकड़ा भी गया था, पूछताछ के बाद भारतीय सेना ने उसको वापस चीन भेज दिया था।

अब इसी इलाके में फिर चीन ने दादादिरी दिखाने की कोशिश की है और वहां भारतीय चरवाहों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई है। रक्षा सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि चरवाहे इस इलाके में हमेशा से आते-जाते रहे हैं। इस बार फिर से चीनी सैनिकों ने चरवाहों को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह उनका इलाका है।

दरअसल, जानकारी के मुताबिक यह घटना डेमचोक के पास मौजूद एक चारागाह की है जहां चीनी सैनिकों के भारतीय चरवाहों को रोका था। इसके बाद भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 26 अगस्त को इस मसले को लेकर बैठक भी हुई थी। दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई बैठक के बाद मामले को फिलहाल सुलझा लिया गया है। लेकिन दोनों देशों के सैनिक अब डेमचोक के पास मौजूद इस चारागाह पर नजर बनाए हुए हैं।

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