अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस को होंगे बड़े फायदे , जानिए कैसे…

कांग्रेस में 1998 के बाद पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चुनाव हो रहा है और ढाई दशकों के बाद पहली बार गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता इस पद पर आ सकता है। हाईकमान के इस फैसले को लेकर बड़ी आशंकाएं भी हैं तो वहीं कुछ लोगों को लगता है कि इससे कांग्रेस को फायदा भी हो सकता है।

परसेप्शन से लेकर सामाजिक समीकरण तक में कांग्रेस को इससे लाभ हो सकता है और इसके चलते वह चुनावी राजनीति में भी बढ़त बना सकती है।

अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अटकलें हैं और वह ओबीसी समाज से आते हैं। ऐसे में उनके अध्यक्ष बनने से कांग्रेस सामाजिक समीकरण भी साधने की कोशिश करेगी।

ओबीसी समाज की संख्या देश में सबसे ज्यादा मानी जाती है। इसलिए कांग्रेस गहलोत को ट्रंप कार्ड के तौर पर देख रही है। वहीं साफ-सुथरे चुनाव के जरिए कांग्रेस यह भी साबित करने की कोशिश करेगी कि उसके यहां अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष तरीके से होता है।

अशोक गहलोत या फिर किसी अन्य नेता के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से कांग्रेस के ऊपर से फैमिली टैग हट जाएगा। लंबे समय बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथ से पार्टी की कमान किसी और नेता को मिलेगी। इससे पार्टी इस आरोप से बच सकेगी कि कांग्रेस में अध्यक्ष का पद एक ही परिवार के लिए रिजर्व रहता है।

दरअसल कांग्रेस के इतिहास में 48 सालों तक अध्यक्ष का पद नेहरू-गांधी परिवार के पास ही रहा है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह अहम हो सकता है। एक तरफ गांधी परिवार पीछे से पूरी पार्टी को मैनेज करेगा ही, लेकिन नए नेता के चुनाव से धारणा बदलने में भी मदद मिलेगी।

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