म्यांमार में कुचला जा रहा लोकतंत्र, हो रहा कुछ ऐसा…

म्यांमार की एक अदालत ने शुक्रवार को देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को चुनावी धोखाधड़ी में संलिप्तता का दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई।

सू ची को पहले ही कई अन्य मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। इस सजा के साथ ही अब उन्हें जेल में 17 साल काटने होंगे। इससे सू ची की ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। सेना ने देश में 2023 में नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की है।

गौरतलब है कि एक फरवरी 2021 को म्यांमार की सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी और सू ची व म्यांमार के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था। सू ची की पार्टी ने पिछले आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन सेना का कहना है कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई। स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों को कोई बड़ी अनियमितता नहीं मिली थी। सू ची की पूर्व सरकार के दो वरिष्ठ सदस्यों को भी मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है।

आंग सान सू की का जन्म म्यांमार के रंगून में हुआ। वह जब दो साल की थीं तब उनके पिता की राजनीतिक तरह से हत्या कर दी गई थी। सू की ने 1960 तक बर्मा में पढ़ाई की लेकिन इसके बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने गईं, जहां उनकी मुलाकात ब्रिटिश छात्र माइकल ऐरिस से हुई।

दोनों ने बाद में शादी की और सू की दो बच्चों की मां बनीं। हालांकि, 1988 में वह एक बार फिर अपनी बीमार मां की देखरेख के लिए म्यांमार लौटीं जहां सेना का अत्याचार जारी था। इसके बाद सू की ने देश में मानवाधिकार हनन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

सू ची को कारावास के दौरान कड़ी मेहनत करने की भी सजा सुनाई गई है। सूत्रों ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि जेल में सू ची को किस हाल में रखा जाएगा, यह अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं है। अपदस्थ राष्ट्रपति विन मिंट को भी यही सजा दी गई थी। सत्ताधारी मिलिट्री काउंसिल के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सू ची पर जो आरोप लगे हैं, NLD ने उसे झूठा करार दिया है।

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