ट्रेन में सफर के दौरान टूटने लगी पति की सांसे , पत्नी ने साँस देकर बचाए प्राण

ट्रेन में सफर के दौरान पति की सांसों की डोर जब टूटने लगी तो पत्नी ने बिना देरी किए उन्हें अपनी सांसें देकर प्राण बचा लिए। इस दौरान आरपीएसएफ जवान भी उनकी मदद के लिए पहुंच गए। महिला और आरपीएफ जवानों के अथक प्रयास से यात्री की जान बच गई। उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इसे देख सिपाहियों ने तुरंत बुजुर्ग यात्री को कोच से उतरा। यात्री को ऑक्सीजन की सख्त आवश्यकता थी। पति के प्राणों पर संकट देख पत्नी ने तुरंत ही अपने मुंह से उन्हें सांस देना शुरू कर दिया। आरपीएसएफ के जवान उनके हाथ पैरों की मालिश करने लगे। पत्नी द्वारा लगातार सांस दिए जाने का परिणाम ये हुआ कि उनके शरीर में गर्मी आई और वह हिलने डुलने लगे। तब तक रेलवे की एम्बुलेंस भी वहां पहुंच गई।

यात्री को आरपीएफ जवानों ने इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। आरपीएसएफ के सिपाही निरंजन सिंह भी उनके साथ अस्पताल गए। अस्पताल पहुंचने पर महिला ने अपना नाम दया और पति का नाम केशवन बताया। उन्होंने बताया कि वह केरल के रहने वाले हैं और दिल्ली में रह रहे बेटे से मिलने जा रहे थे। आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक अवधेश गोस्वामी ने बताया कि सफर के दौरान 67 वर्षीय केशवन को हार्ट अटैक आया था।

आरपीएसएफ के जवानों ने यात्री को नीचे उतारा और उनकी जान बचाने के प्रयास किए। यात्री की पत्नी इस दौरान उन्हें अपने मूंह से सांस देती रहीं। इससे उनके शरीर में हरकत शुरू हो गई। यात्री की पत्नी और आरपीएसएफ के जवानों की मेहनत से यात्री की जान बच गई। उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत में काफी सुधार है। आरपीएसएफ सिपाहियों के इस उत्कर्ष कार्य की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई है।

शुक्रवार की रात 12:05 बजे गाड़ी संख्या 22634 प्लेटफार्म संख्या दो पर आकर रुकी। तभी ट्रेन के कोच संख्या बी-चार से चीख पुकार की आवाजें आने लगीं। शोर सुनकर प्लेटफार्म पर ड्यूटी दे रहे आरपीएसएफ के सिपाही अशोक कुमार और निरंजन सिंह वहां पहुंचे। सिपाहियों ने देखा कि कोच की सीट पर एक यात्री अचेत हालत में पड़ा है और उसके पास खड़ी उसकी पत्नी मदद की गुहार लगा रही है। कोच के यात्रियों ने सिपाहियों को बताया कि यात्री को हार्ट अटेक आया है।

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