वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा, टूटा नौ सालों का रिकार्ड

वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा में सोमवार को भी बढ़ाव जारी रहा। सोमवार को बाढ़ का पानी काशी विश्वनाथ धाम की दहलीज तक पहुंच गया है। धाम से सटे मणिकर्णिका घाट को डूबोकर अब ऊपर घुसने लगा है। गंगा किनारे रैम्प बिल्डिंग और नये शवदाह के लिए बने चैम्बर तक पहुंच गया है।

नगवां नाला होते हुए असि नदी के तटवर्ती कॉलोनियों व मुहल्लों में  पहुंच गया। सीवर लाइन के जरिए कई कॉलोनियों की सड़कों पर पानी घुस गया। सामनेघाट के सामने स्थित छह नयी कॉलोनियों में पानी घुस रहा है। सीरगोवर्धनपुर में रविदास मंदिर से लौटूबीर बाबा मार्ग के दोनों तरफ की कॉलोनियां पानी से घिर गई हैं।

उधर, ढेलवरिया, नक्खीघाट, बघवानाला, सरैया, सरायमोहाना आदि इलाकों में पानी का प्रसार तेज हो गया। कोनिया इलाका भी बाढ़ से ग्रसित होने लगा है। ग्रामीण इलाकों गंगा और गोमती का कहर बरपने लगा। खेत-खलिहान, बाग-बगीचे और सीवान होते हुए बाढ़ का पानी गांवों में घुसने लगा है।

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर सुबह 10 बजे तक जलस्तर 71.04 सेमी पहुंच गया है। आयोग के कार्यालय के मुताबिक प्रयागराज और फाफामऊ में यमुना और गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है। लिहाजा, बनारस में भी शाम तक गंगा के स्थिर होने की संभावना है।

उधर, जिला प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही बाढ़ राहत शिविरों व प्रभावित इलाकों का भ्रमण दौरा कर रहे हैं। जेपी मेहता बाढ़ चौकी पर एसडीएम सदर अंशिका दीक्षित ने एडिशनल सीएमओ डॉ. एके मौर्या के साथ व्यवस्था का निरीक्षण किया और लोगों से मिल रही व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। बाढ़ प्रभावित नगवां क्षेत्र प्राइमरी पाठशाला राहत कैंप पर एडीएम सिटी प्रभावित में दूध, केला व ब्रेड का वितरण किया।

जलस्तर वर्ष 2013 के रिकॉर्ड 72.630 मीटर के करीब पहुंच रहा है। रिकॉर्ड तक पहुंचने में केवल आधा मीटर की दूरी शेष रह गई है। यदि गंगा 2013 के जलस्तर रिकॉर्ड पर पहुंच जाती है, शहर के कई इलाकों-लंका, संकटमोचन, चौकाखाट,भैंसासुरघाट आदि ऊपरी इलाकों में भी पानी पहुंच जाएगा। इससे न केवल शहर के अंदर सम्पर्क मार्ग डूब जाएंगे करीब तीन से 40 कॉलोनियां बाढ़ के आगोश में आ जाएंगी।

Related Articles

Back to top button