यूपी में बढ़ते कोरोना के बीच सख्ती, रोजाना हो रही करीब 2000 लोगों की जांच

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने जांच को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। अब इमरजेंसी में भर्ती से पहले मरीज की कोविड जांच जरूरी कर दी गई है। वहीं ऑपरेशन से पहले भी मरीज की कोरोना जांच कराई जाएगी। नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज का ऑपरेशन होगा। ऑपरेशन वाले मरीज के साथ तीमारदार भी जांच कराई जाएगी।

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता बताते हैं कि एंटीजेन की जांच रिपोर्ट एक से दो मिनट में आ जाती है। इस दौरान मरीज के इलाज संबंधी दस्तावेज तैयार कराए जाते हैं।

ऑपरेशन से पहले भी कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच कराई जा रही है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी का कहना है कि समय पर संक्रमितों की पहचान के लिए जांच की संख्या बढ़ाई गई हैं।

इमरजेंसी व ऑपरेशन से पहले मरीजों की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। कोविड के लक्षण वाले मरीजों को अलग भर्ती किया जा रहा है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोविड की जांच मुफ्त हो रही है। लिहाजा जांच कराने में हिचके नहीं है।

अभी रोजाना लखनऊ में करीब 2000 लोगों की जांच हो रही है। समय पर संक्रमितों की पहचान के लिए जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। स्वास्थ विभाग ने इमरजेंसी में भर्ती होने वाले सभी मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य कर दिया है। बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु समेत अन्य अस्पतालों में इमरजेंसी मरीजों की एंटीजेन जांच के बाद ही भर्ती किया जा रहा है।

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