अमित शाह के चिंतन शिविर से गायब रहे ये नेता , ममता बनर्जी ने भेजा…

केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित चिंतन शिविर का गुरुवार को दूसरा दिन था। कॉन्क्लेव में राज्यों के मुख्यमंत्रियों, गृहमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल और प्रशासक भाग लेने वाले थे। हालांकि, इस आयोजन से गैर-भाजपा शासित राज्यों के 5 प्रमुखों ने दूरी बनाने का फैसला किया। उनकी जगह पुलिस, सचिव स्तर के अधिकारी का छोटे मंत्री शामिल हुए।

चर्चा से सीएम ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन, नवीन पटनायक और एमके स्टालिन गायब रहे। जबकि, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और पंजाब के सीएम भगवंत मान शुक्रवार के सत्र में शामिल हुए।

विजयन के अलावा असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ, गोवा सीएम प्रमोद सावंत, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी और सिक्किम सीएम प्रेम सिंह तमांग हिस्सा बने। महाराष्ट्र और नगालैंड के उपमुख्यमंत्री क्रमश: देवेंद्र फडणवीस और वाई पैटन भी सत्र में शामिल हुए। ये दोनों नेता अपने राज्यों में गृहमंत्रालय भी संभालते हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उग्रवाद, आतंकवाद, नार्कोटिक्स, साइबर अपराध समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। गृहमंत्रालय के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थईस्ट, जो पहले कभी हिंसा और अशांति के हॉट स्पॉट होते थे, वो अब विकास के हॉट स्पॉट बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 8 सालों में नॉर्थईस्ट में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और 2014 के बाद से उग्रवाद की घटनाओं में 74%, सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्‍या में 60% और नागरिकों की मृत्‍यु में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आई है।’

मंत्रालय के मुताबिक, शाह ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां शांति और प्रगति की एक नई शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के पहले के 37 महीनों और बाद के 37 महीनों की अगर तुलना की जाए तो आतंकवादी घटनाओं में 34% और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 54% की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और इस पर निर्णायक जीत हासिल करने के लिए एनआईए और अन्य ऐजेंसियों को मजबूत किया जा रहा है।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार तीन प्रमुख चुनौतियों पर समयबद्ध रणनीति के तहत काम  कर रही है। पहली, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूर्ण योजना। इसके अंतर्गत आयुष्‍मान सीएपीएफ योजना शुरू की गई और इसमें लगभग 35 लाख स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं और लगभग 20 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

दूसरा, हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाना। आवासीय संतुष्टि का स्तर 2014 में लगभग 37 प्रतिशत था, जो वर्तमान में बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा CAPFs e-Awas वेब पोर्टल बनने से ये स्तर बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

तीसरा, एज ऑफ पुलिसिंग जिसके अंतर्गत 100 दिन की छुट्टी, सेवानिवृत्ति की आयु को 57 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने और 64,640 उम्मीदवारों की भर्ती का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि हमें पुलिसिंग में रीजनल एप्रोच को थीमेटिक एप्रोच की तरफ लेकर जाना होगा।

शामिल नहीं होने वालों में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों का नाम है। ये सभी अपने राज्यों में गृहमंत्रालय भी संभालते हैं। इन राज्यों की तरफ से आयोजन में पुलिस महानिदेशकों, मुख्य सचिव या कोई मंत्री पहुंचा। सरकार ने साइबर और सूचना सुरक्षा, ड्रग ट्रैफिकिंग, राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा प्रबंधन समेत मुद्दों पर गहराई से चर्चा बुलाई थी।

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