राजस्थान के भरतपुर में सैनी समाज का आंदोलन, जानिए क्या है वजह

राजस्थान के भरतपुर जिले में माली- सैनी समाज का आरक्षण आंदोलन जारी है। आंदोलनकारी जयपुर-आगरा हाईवे स्थित अरोदा पर डटे है। सीएम गहलोत से हुई वार्ता के बाद भी सैनी समाज सहमत नहीं हो पाया है।

मंगलवार को आत्महत्या करने वाले मोहन सैनी के शव काफी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। आंदोलन के हालातों को देखते हुए संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने भी इंटरनेट सेवाओं की बंद अवधि को 26 अप्रैल की रात 12 बजे तक बढ़ा दिया है। संभावना जताई जा रही है कि आज सैनी समाज आरक्षण आंदोलन समिति और सरकार की तरफ से प्रशासन या फिर मंत्री के साथ वार्ता हो सकती है।

संभागीय आयुक्त ने सैनी समाज के आंदोलन को देखते हुए इंटरनेट बंद करने की अवधि को और बढ़ा दिया है. अब नदबई, भुसावर और वैर क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं 26 अप्रैल की रात 12 बजे तक बंद रहेंगी. बता दें कि सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति 21 अप्रैल से आंदोलनरत है. मंगलवार को संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जयपुर में वार्ता भी हुई.

वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज को एक चिट्ठी सौंपकर आश्वासन दिया था कि समाज की ओबीसी की जातियों का सर्वे कराने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी जाएगी. लेकिन सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति और आंदोलनकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और अपनी मांगों को लेकर अभी भी आंदोलन कर रहे हैं।

सैनी समाज की ओर से 12% आरक्षण के साथ ही अब मृतक मोहन सैनी के परिजनों को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता, एक परिजन को सरकारी नौकरी और उसे शहीद का दर्जा देने की मांग की जा रही है. इन्हीं मांगों को लेकर बुधवार को 6 वे दिन भी आंदोलनकारी हाईवे पर डटे हुए हैं. वहीं, पुलिस प्रशासन मृतक मोहन सैनी के शव का पोस्टमार्टम आज करा सकता है. साथ ही यह भी संभावना है कि आज संघर्ष समिति और जिला प्रशासन या फिर किसी मंत्री के साथ वार्ता हो सकती है। यदि दोनों पक्षों में मांगों को लेकर सहमति बन जाती है तो आज आंदोलन का पटाक्षेप हो सकता है।

 

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