एनसीपी चीफ शरद पवार ने उठाया बड़ा कदम , प्रफुल्ल पटेल को बनाया पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के भीतर राजनीतिक हलचल एक बार फिर से तेज हो गई है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने ऐसा कदम उठाया है जिसकी छाप लंबे समय तक बनी रह सकती है। पवार ने शनिवार को सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर दिया।

माना जा रहा है कि इस फैसले से शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार को बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। यह इसलिए भी बेहद अहम हो जाता है कि बीते दिनों अजित कई बार अपनी बदली चाल दिखा चुके हैं। ऐसे में राकांपा अध्यक्ष के फैसले को बड़े पॉलिटिकल कैनवस पर देखा जा रहा है। नजर इस बात पर जा टिकी है कि शरद पवार के इस फैसले के बाद अजित पवार और उनके सर्मथकों का रुख क्या होगा।

एनसीपी जनरल सेक्रेटरी सुनील तटकरे ने कहा कि अजित दादा ने हमेशा संगठन के लिए काम किया है। उन्होंने बीते 24 वर्षों से पार्टी को मजबूत करने में योगदान दिया है। पार्टी के काम और जिम्मेदारियां निभाने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि अजित पवार परेशान नहीं हैं, वह महाराष्ट्र में काम करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं।

इस मामले पर एनसीपी नेता छगन भुजबल की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष के ऐलान के साथ ही चुनाव का काम और लोकसभा-राज्यसभा का काम बांट दिया जाएगा। चुनाव नजदीक आता देख उनके कंधों पर ज्यादा जिम्मेदारी दी गई है। 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह अहम ऐलान है।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि एनसीपी चीफ का यह फैसला बेटी सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री दिलाने की कोशिश है। पार्टी लाइन में यह पहले ही साफ हो चुका था कि अजित पवार का दायरा महाराष्ट्र की राजनीति तक ही सीमित रहेगा। बीते काफी समय से अजित को इस भूमिका में देखा भी गया है।

अब सुले और पटेल के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद अजित के सीमित राजनीतिक दायरे पर मुहर लगती दिख रही है। ऐसी स्थिति में इस बात का भी खतरा है कि अजित पवार का खेमा पार्टी आलाकमान से नाराज हो सकता है। मगर, यह भी देखने वाली बात होगी कि यह नाराजगी किस हद तक आगे बढ़ती है। हालांकि, फिलहाल अजित पवार की नाराजगी सामने नहीं आई है।

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