आजादी के बाद पहली बार बनेगी एयरफोर्स की नई ब्रांच, युवाओं को मिलेगा अग्निपथ बनने का मौका

भारतीय वायुसेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार सुबह औपचारिक परेड का आयोजन किया गया। वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद एक मार्च-पास्ट किया गया। कार्यक्रम में चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद वायुसेना में पहली बार नई अभियानगत शाखा बनाई जा रही है।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि अग्निपथ योजना के माध्यम से वायु योद्धाओं को भारतीय वायुसेना में शामिल करना हम सभी के लिए एक चुनौती है। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमारे लिए भारत के युवाओं की क्षमता का दोहन करने और इसे राष्ट्र की सेवा में लगाने का अवसर है। उन्होंने कहा, ‘हमें पहले की कड़ी मेहनत, लगन और दूरदृष्टि से गौरवशाली विरासत मिली है। इसे यहां तक लाने वाले हमारे दिग्गजों के योगदान को याद रखना होगा। अब इसे शताब्दी दशक में लाने की जिम्मेदारी हम पर है।’

वायुसेना प्रमुख जब आयोजन स्थल पर पहुंचे तो विंग कमांडर विशाल जैन के नेतृत्व में तीन एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टरों ने फ्लाई-पास्ट करते हुए भारतीय ध्वज फहराया।

सुखना झील परिसर में वायुसेना दिवस के फ्लाई-पास्ट में लगभग 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। यह पहली बार है, जब भारतीय वायुसेना दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के बाहर अपनी वार्षिक वायुसेना दिवस परेड और फ्लाई-पास्ट का आयोजन कर रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुखना लेक में होने वाले फ्लाई-पास्ट में शामिल होंगे।

एअर चीफ मार्शल ने दावा किया कि इस शाखा के बनने से सरकार को उड़ान प्रशिक्षण के खर्च में कटौती कर 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में पश्चिमी वायु कमान के एअर-ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एअर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन सहित कई अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी मौजूद थे।

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