उत्तर कोरिया ने दागीं 2 बैलिस्टिक मिसाइलें, दक्षिण कोरिया ने बढ़ाई अपनी निगरानी

उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को समुद्री की ओर 2 छोटी दूरी की मिसाइल दागीं हैं। दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि सेना ने दोपहर के आसपास उत्तर कोरिया के पूर्वी तटीय क्षेत्र टोंगचोन से 2 मिसाइलें दागें जाने का पता लगाया है।

मिसाइलें 239 किलोमीटर दूर गईं। दक्षिण कोरिया इन परीक्षणों की कड़ी निंदा करता है और इन्हें उकसावा करार देता है, जिससे क्षेत्रीय शांति प्रभावित होगी। उसने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उन प्रस्तावों का भी उल्लंघन करार दिया है, जिनके तहत उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में कई मिसाइलों और हथियारों का परीक्षण किया है। ताजा परीक्षण दक्षिण कोरिया के 12 दिवसीय वार्षिक सैन्य अभ्यास होगुक के अंतिम दिन किया गया है। इस साल इस अभ्यास में अमेरिकी सैनिकों ने भी हिस्सा लिया है, जिनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

दक्षिण कोरिया और अमेरिका की वायु सेनाओं ने अगले सप्ताह व्यापक प्रशिक्षण आयोजित करने की योजना बनाई है। उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया और अमेरिका के इस तरह के नियमित सैन्य अभ्यासों को अपने ऊपर हमले की तैयारियों के तौर पर देखता है। हालांकि, दक्षिण कोरिया और अमेरिका का कहना है कि वे रक्षा के लिए ये अभ्यास करते हैं।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से किया जाने वाला नया परमाणु परीक्षण चिंताजनक होगा। उन्होंने कहा कि यह इस बात की पुष्टि करेगा कि उसका परमाणु कार्यक्रम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ग्रोसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को 7वें परीक्षण की तैयारियों के संकेत मिले हैं, लेकिन उसे ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि परमाणु विस्फोट का खतरा करीब है।

ग्रोसी ने कहा, ‘हर कोई अपनी सांस थामे बैठा है। परीक्षणों का मतलब जाहिर है कि वे तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं और शस्त्रागार का निर्माण कर रहे हैं, इसलिए हम बहुत करीब से इस पर नजर रख रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा न हो, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से संकेत कुछ और ही दिखा रहे हैं।’

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। अमेरिका की हिंद प्रशांत कमांड ने कहा कि परीक्षण से अमेरिका या इसके सहयोगियों के सामने तत्काल कोई खतरा उत्पन्न नहीं हुआ है।

हालांकि उसने उत्तर कोरिया के अवैध परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के प्रभावों को रेखांकित किया। जापान के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि उसने परीक्षणों के बारे में पता लगाया है। मंत्रालय पता लगा रहा है कि किस प्रकार की मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। साथ ही उनकी उड़ान की जानकारी का  भी विश्लेषण किया जा रहा है।

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