अब आजम पर क्यों मेहरबान अखिलेश, कहा कुछ ऐसा…

ज्‍यादा दिन नहीं गुजरे जब समाजवादी पार्टी नेतृत्‍व और अखिलेश यादव से आजम खान की नाराजगी की खबरें सुखियों में थीं। सीतापुर की जेल में रहने के दौरान अखिलेश कभी आजम खान से मिलने नहीं गए। बाहर आने के बाद आजम भी इशारों ही इशारों में अखिलेश पर निशाना साधते रहे लेकिन अखिलेश ने आजम पर चुप्‍पी साधे रखी। अखिलेश और आजम के बीच बढ़ती दूरियां यूपी की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गई थीं।

फिर भी अखिलेश इन चीजों की परवाह करते नहीं दिखे लेकिन रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद भी लगता है उन्‍होंने रणनीति बदल दी है।

पिछले कुछ दिनों से सपा और उन्‍होंने खुद आजम खान के मुद्दे पर मुखर होकर बोलना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले उन्‍होंने विधानसभा में भी आजम की यूनिवर्सिटी की जांच का मुद्दा उठाया था। शुक्रवार को 12 विधायकों के साथ राजभवन पहुंचकर उन्‍होंने आजम खान के मसले पर राज्‍यपाल को ज्ञापन सौंपा।

पिछले विधानसभा चुनाव और उसके बाद आजमगढ़-रामपुर लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति में कई बदलाव किए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दरअसल, अखिलेश ने यह समझ लिया है कि उन्‍हें 2024 के लोकसभा चुनाव और यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक पार्टी को बीजेपी से मुकाबले के लिए तैयार रखना है तो फिर पार्टी में पूरी तरह एकजुटता कायम करनी होगी।

पिछले दिनों अखिलेश यादव ने आजम खान के अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने पर दिल्‍ली जाकर भी उनसे मुलाकात की थी। अखिलेश के निर्देश पर कुछ समय पहले वेस्‍ट यूपी के दौरे पर गए सीएम योगी आदित्‍यनाथ से भी पार्टी सांसद एचटी हसन की अगुवाई में सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आजम खान के मुद्दे पर मिला था।

उधर, डिप्‍टी सीएम केशव मौर्य ने अखिलेश यादव की राज्‍यपाल से मुलाकात को लेकर कहा कि यह उनका अधिकार है। उन्‍होंने कहा कि सरकार किसी के साथ ज्‍यादती नहीं करती। कोई ऐसा काम नहीं किया जाता जो गलत हो। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यपाल से मुलाकात करना नेता प्रतिपक्ष का अधिकार है।

इसी क्रम में उन्‍होंने पार्टी के पुराने नेताओं और सिपहसलारों को नए से सिरे जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले दिनों आजमगढ़ जाकर जेल में बंद रमाकांत यादव से मुलाकात करना और लगातार आजम खान का मुद्दा उठाना इसी रणनीति का हिस्‍सा है।

इधर, रामपुर में जौहर विश्‍वविद्यालय से दीवार तोड़कर बड़ी संख्‍या में किताबें निकाले जाने और जमीन की खुदाई कर सफाई की मशीनें निकाले जाने की खबरें आईं तो सपा एक बार फिर एक्टिव हो गई है। दो दिन पहले विधानसभा में आजम खान का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि यूनिवर्सिटी की जांच तो ऐसे हो रही है जैसे कोई बम रख दिया हो।

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