भारी नकदी संकट झेल रहा पाकिस्तान , आमलोगों को निचोड़-निचोड़कर जुटा रहा पैसे

भारी नकदी संकट झेल रहा पाकिस्तान जहां लोगों पर पेट्रोल, बिजली से लेकर जीएसटी बम गिरा रहा है और आमलोगों को निचोड़-निचोड़कर पैसे जुटा रहा है, वहीं एक प्रोग्राम ऐसा भी है, जिसका अनुदान 40 अरब रुपये बढ़ा रहा है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बुधवार को नेशनल असेंबली में मिनी बजट पेश करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई के प्रभाव से समाज के दबे-कुचले वर्गों को बचाने के लिए सरकार ने बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम (BISP) के बजट में 40 अरब रुपये की वृद्धि का प्रस्ताव किया है।

उन्होंने कहा, “सरकार ने BISP बजट को 360 अरब रुपये से बढ़ाकर 400 अरब रुपये करने का प्रस्ताव किया है। ताकि BISP लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए 40 अरब रुपये अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जा सके।”

वर्ष 2021-22 के लिए एहसास/बीआईएसपी कार्यक्रम के लिए बजटीय आवंटन 250 अरब रुपये था, जिसे वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़ाकर 364 अरब रुपये कर दिया गया था। आर्थिक रूप से जर्जर पाकिस्तान ने इसे अब बढ़ाकर 400 अरब रुपये कर दिया है। यूनाइटेड किंगडम का अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा विदेशी समर्थक है।

इस योजना के लाभुकों को हर दो महीने पर 3000 रुपये यानी प्रति माह 1500 रुपये की नकद सहायता राशि दी जाती है। इसका मकसद गरीब परिवारों की खरीद शक्ति को बढ़ाना है। ताकि वो राशन की खरीद कर सकें। इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलता है, जो परिवार की मुखिया हैं और विधवा या तलाकशुदा हों। इनके अलावा जो महिलाएं शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम हों, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। लाभुक परिवार के पास आईडी कार्ड होना चाहिए।

BISP पाकिस्तान सरकार की एक केंद्रीय योजना है। इसके जरिए गरीबों को कैश ट्रांसफर किया जाता है। इसे एहसास प्रोग्राम पाकिस्तान के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना को जुलाई 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के निर्देश पर उनकी दिवंगत पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के नाम पर शुरू किया गया था। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है जो समाज में गरीबी उन्मूलन में योगदान देता है।

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