पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ख़राब , 8500 से अधिक कंटेनर्स पाकिस्तान के बंदरगाहों पर रुके

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खस्ताहाल है कि अब देश दिवालिया होने की कगार पर है।  रिपोर्ट के मुताबिक, 8500 से अधिक कंटेनर्स पाकिस्तान के बंदरगाहों पर रुके हुए हैं।

पेयमेंट न मिलने के चलते शिपिंग कंपनियां अपनी सर्विस बंद करने की चेतावनी दे रही हैं। अब यह आशंका अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि पाकिस्तान दिवालिया होने को है। एक्सपर्ट्स भी देश के आर्थिक संकट को देखते हुए लगातार आगाह कर रहे हैं। पड़ोसी देश में धन की भारी कमी है। साथ ही पाकिस्तानी लोग महंगाई की तगड़ी मार झेल रहे हैं। इतना ही नहीं, देश का खजाना भी तकरीबन खाली हो चुका है।

देश की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 4.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भंडार है, जो कि मुश्किल से 3 सप्ताह के आयात के लिए ही पर्याप्त होगा। इसके अलावा, सरकार ने लाभांश के भुगतान में 2 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक रोक दिया है, जिसका आने वाले समय में निवेश की संभावनाओं पर असर पड़ेगा। पाकिस्तान में पहले से ही महंगाई की दर 25 प्रतिशत को छू चुकी है। ऐसे में अगर सप्लाई चेन में रुकावट आती है तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

पाकिस्तान को विश्व बैंक से 1.1 अरब डॉलर के दो कर्ज की मंजूरी अगले वित्त वर्ष तक के लिए टल गई है। वाशिंगटन मुख्यालय वाली संस्था ने आयात पर बाढ़ शुल्क लगाने का भी विरोध किया है, जिससे पहले से ही 32 अरब डॉलर की वार्षिक योजना में नया रोड़ा खड़ा हो गया है। सरकार को 45 करोड़ डॉलर के कर्ज के जनवरी में मंजूर होने की उम्मीद थी, जिससे एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) से भी और 45 करोड़ डॉलर जारी होने का रास्ता साफ हो जाता। एआईआईबी ने पाकिस्तान को विश्व बैंक के राइज-2 सी स्वीकृति मिलने पर 45 करोड़ डॉलर देने का वादा किया है।

शिपिंग एजेंटों ने नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि विदेशी शिपिंग कंपनियां उसके लिए अपनी सर्विस बंद करने पर विचार कर रही हैं। ऐसी स्थिति में देश के सभी निर्यात ठप हो सकते हैं। इन कंपनियों ने कहा कि बैंकों ने डॉलर की कमी के चलते उन्हें माल ढुलाई शुल्क देना बंद कर दिया है। पाकिस्तान शिप एजेंट एसोसिएशन (PSAA) के चेयरमैन अब्दुल रऊफ ने इसे लेकर वित्त मंत्री इशाक डार को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने चेतावनी दी कि सर्विस में कोई भी रुकावट देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

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