उत्तराखंड में यात्री बसों में सफर सुरक्षित नहीं , वजह जानकर उड़े लोगो के होश
उत्तराखंड में यात्री बसों में सफर सुरक्षित नहीं हैं। पहाड़ के साथ की मैदानी रूटों पर दौड़ रही बसों में कंपनी से शॉकर लग आए थे, जिनको हटा दिया गया है। रोडवेज की करीब 400 बसें ऐसी हैं, जिनके शॉकर खराब हो गए थे, लेकिन रोडवेज ने रिपेयर करने के बजाय बसों से शॉकर ही हटा दिए हैं।
खराब शॉकर और लोहे के गुटके गायब रोडवेज की बसों में यदि कोई स्पेयर पार्ट्स खराब हो जाता है, उसे नियमानुसार वर्कशॉप में जमा करना होता है, लेकिन रोडवेज की बसों से मिस्त्रित्त्यों ने शॉकर और लोहे के गुटके तो निकाल दिए, लेकिन उनको वर्कशॉप में जमा नहीं किया गया।
खतरनाक हो सकता बसों से शॉकर हटाना परिवहन विभाग के रिटायर तकनीकी अधिकारी ने बताया कि बस में शॉकर बड़ा रोल होता है। शॉकर से सफर आरामदायक होता है और बस गड्ढों पर हिचकोले नहीं खाती है। शॉकर हटाना खतरनाक हो सकता है। इससे पूरा लोड कमानी पर आ जाता है और कमानी के टूटने की आशंका बढ़ जाती है।
कमानी सीधे बस की बॉडी पर भी लगती है। यदि कमानी का एक भी पट्टा टूटा तो बस उसी तरफ लोड लेती है जिस पर कमानी का पट्टा टूटा हुआ है। कुछ वाहन स्वामी शॉकर रिपयेर कराने के बजाय उनको हटा देते हैं, लेकिन फिटनेस में ऐसी बसें पास नहीं हो सकतीं।
बस के चारों शॉकर गायब मिले कुछ बसों की पड़ताल भी की। पर्वतीय डिपो की बस संख्या-यूके07पीए 2089 के चारों शॉकर गायब थे। इसी डिपो की बस संख्या यूके 07पीए 3180 के शॉकर भी गायब मिले। डिपो में करीब 40 बसें हैं, जिन पर शॉकर नहीं हैं। सभी बसें कमानी के साहरे चल रही हैं।