कांग्रेस में मचा सियासी घमासान, सचिन पायलट ने दिया ये संकेत

राजस्थान में सचिन पायलट के अनशन के बाद सियासी हालात तेजी से बदलते जा रहे हैं। पायलट लगातार बगावती तेवर बनाए हुए हैं। फीडबैक कार्यक्रम से दूरी बनाकर पायलट ने साफ संकेत दे दिया है कि वह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

जानकारों का कहना है कि पार्टी आलाकमान कर्नाटक चुनाव से पहले किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता है। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव के बाद ही पायलट पर कोई निर्णय संभव है।

जानकारों का कहना है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे ही सचिन पायलट का सियासी भविष्य तय करेंगे। पार्टी आलाकमान ने इस बार सचिन पायलट को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया है। राजस्थान से सिर्फ सीएम अशोक गहलोत को ही स्टार प्रचारक बनाया गया है। हालांकि, पार्टी ने पंजाब उप चुनाव के प्रचार की जिम्मेदारी सचिन पायलट को सौंपी है।

दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली पहुंचते ही संकेत दिया है कि विधानसभा चुनाव में पायलट समर्थकों के टिकट काटे जा सकते हैं। सीएम गहलोत ने पायलट को नसीहत देते हुए कहा कि ऐसा कोई काम न करें, जिससे सरकार का नुकसान हो। सबको साथ मिलकर काम करना चाहिए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान पायलट के अनशन से काफी नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि, राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद मामले के ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

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